महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी के महासचिव गुरुदास कामत ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। कामत ने राजनीति से सेवानिवृत्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, “मैं पिछले सप्ताह बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिला था और सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बारे में चर्चा की थी।”

गुरुदास कामत ने राजनीति से सन्यास लिया

कामत ने कहा कि उन्होंने गांधी से तीन फरवरी को अनुरोध किया था कि वह उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें। ठीक उसी दिन बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी, और 21 फरवरी को उन्होंने फिर से इसके लिए अनुरोध किया था।

सोनिया और राहुल को दिया धन्यवाद

उन्होंने अपने इस निर्णय के पीछे का कारण बताए बिना कहा, “मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे पार्टी की सेवा करने का मौका दिया।”

अशोक गहलोत को गुजरात प्रभारी बनाए जाने पर दी बधाई

कामत ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी अशोक गहलोत, और एआईसीसी के चार सचिवों को पार्टी के गुजरात मामलों की जिम्मेदारी दिए जाने का स्वागत किया। इसी वर्ष के अंत तक गुजरात विधानसभा के चुनाव होने हैं।

गुरुदास कामत 5 राज्यों के प्रभारी थे

एआईसीसी के महासचिव कामत राजस्थान और केंद्र शासित क्षेत्रों दादरा, नगर हवेली और दमन एवं दीव के अलावा महत्वपूर्ण पश्चिमी राज्य गुजरात के मामलों के प्रभारी थे।

इसके पहले जून 2016 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने और राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर सनसनी फैला दी थी, लेकिन गांधी के कहने पर उन्होंने अपना निर्णय वापस ले लिया था और वह पार्टी में बने रहे।

5 बार लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं

इसके पहले जुलाई 2011 में उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। पेशे से वकील 62 वर्षीय कामत मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र का पांच बार 1984, 1991, 1998, 2004, 2009 नेतृत्व कर चुके हैं, और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के साथ संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके हैं।

मुंबई कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं

मुंबई कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रह चुके कामत को मुंबई की राजनीति की गहरी समझ के लिए जाना जाता है और उनकी अनुपस्थिति पार्टी को काफी खलेगी।

छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत

छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के बाद, वह भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष बने, महाराष्ट्र प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बने, और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष रहे।

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