स्कूल में भरा पानी तो घर को ही बना दिया पाठशाला
‘जहां चाह होती हैं वहा राह होती है’ यह बात एक दम फिट बैठती हैं विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय शुकुलपुरवा की प्रधानाध्यापिका गीता देवी पर जिन्होंने परेशानियो से मुंह नही मोड़ा बल्कि समाज को एक नई परिभाषा दी हैं जिससे हम सबको सीख लेने की ज़रूरत हैं ।
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बच्चों के भविष्य से कोई समझौता नही
गांव का प्राइमरी स्कूल जो चौतरफा बाढ़ के पानी से भर गया जिससे वहां के पढ़ने वाले बच्चों की पढा़ई पर बन आई , लेकिन शिक्षा के प्रति समर्पित वहां कि शिक्षिका गीता देवी ने हार नही मानी । उन्होंने मुहम्मदपुर कला स्थित अपने घर को ही विद्यालय में तब्दील कर दिया । वह अपने घर पर ही बच्चो को शिक्षा प्रदान कर रही हैं ।
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दोपहर का भोजन भी करवाती हैं
गीता जी बच्चो को दोपहर का भोजन भी अपने घर ही करवाती हैं । उनकी यह विशेष स्कूल नियमित रूप से और निर्धारित समय से शुरू हो जाता हैं ।और साथ ही बच्चे भी समय पर आ जाते हैं ।आज के इस दौर में भी जब शिक्षक छुटटी के नित नये बहाने डूढते हैं , ऐसे में शिक्षिका गीता देवी का यह प्रयास समूचे जि़ले में चर्चा का विषय बना हुआ हैं ।
वह बताती हैं कि स्कूल के चारों ओर बीते चार अगस्त से अब तक बाढ़ का पानी भरा हैं ।विद्यालय तक पहुचने के लिये कोई रास्ता भी नही हैं । बच्चों की पढाई बाधित न हो इसके लिये वे अपने घर में ही पाठशाला शुरू कर दी हैं ।
विद्यालय के सहायक शिक्षक संतोष पटेल व सीमा शुक्ला भी यहीं पर आकर बच्चों को पढाते हैं । इस विद्यालय में कुल 57 बच्चे पंजीकृत है ।
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