SC ने नियुक्तियों के कानून के खिलाफ याचिका की खारिज

नए कानून की न्यायिक समीक्षा की जाएगी

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New delhi: मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को लेकर बनाये गये कानून के खिलाफ जारी की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ( SC ) ने फिलहाल खारिज कर दिया है. हालांकि SC ने ये भी कहा है कि कानून की समीक्षा की जा रही है. कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने नये कानून पर रोक लगाने को लेकर याचिका लगाई थी.

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों के नए कानून को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जस्टिस संजीव खन्ना की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस कानून पर रोक नहीं लगा सकते, क्योंकि बिना कॉपी सर्विंग के (प्रतिपक्ष को सुने) कानून पर रोक नहीं लगाया जा सकता.

कानून की होगी न्यायिक समीक्षाः SC

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि नए कानून की न्यायिक समीक्षा की जाएगी. कोर्ट ने नये कानून को रोक लगाने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट में इस पूरे मामले पर अगली सुनवाई अब अप्रैल में होगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि हम सरकार से इस पर नोटिस जारी कर जवाब तलब कर रहे हैं.

कोर्ट में कानून पर रोक लगाने की मांग

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए नये कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया है कि संसद द्वारा लाया गया यह कानून असंवैधानिक है. इस याचिका में संसद द्वारा पास किये गये संशोधन पर रोक लगाने की मांग की गई थी. नया कानून मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बनाया गया है.

जानें क्या है पूरा विवाद ?

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होंगे जब तक कि कोई नया कानून न लाया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने नया कानून लाकर कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया. संशोधित कानून के मुताबिक सीजेआई को नियुक्ति समिति से हटा दिया गया. इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया.

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कानून को दी गई चुनौती

पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में संशोधित कानून को चुनौती दी गई थी. याचिका में संसद द्वारा पास किए गये संशोधन को रद्द करने की मांग की गई थी. याचिका में नियुक्तियों को लेकर बने पैनल में देश के मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया जाना चाहिये.

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