पटाखों वाली ही होगी दीवाली पर वक्त की रहेगी पाबंदी : सुप्रीम कोर्ट

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दीवाली से ठीक पहले देशभर में पटाखा बैन पर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने बड़ा फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के इस्तेमाल पर ‘पूरी तरह’ बैन लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि क्रिसमस, न्यू ईयर पर रात 11.45 से 12.45 बजे तक पटाखे छुड़ाए जा सकेंगे।

इसके अलावा दीवाली पर रात 8 से 10 बजे के बीच ही पटाखे छुड़ाने की इजाजत होगी। बता दें कि देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने 28 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

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सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रतिबंध से जुड़ी याचिका पर विचार करते समय पटाखा उत्पादकों के आजीविका के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है।

धुएं से प्रदूषण और अधिक बढ़ने की आशंका होती है

बता दें कि सर्दियों की दस्तक होते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। यहां हवा की गुणवत्ता खराब स्तर पर पहुंच गई है। देश के अन्य बड़े शहरों में भी सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण बढ़ने लगता है। दीवाली के मौके पर पटाखों के धुएं से प्रदूषण और अधिक बढ़ने की आशंका होती है।

हालांकि पटाखों पर बैन को लेकर यह बहस भी चल रही है कि त्योहार से ठीक पहले पटाखों पर बैन कैसे लगाया जा सकता है? दिल्ली और एनसीआर के इलाके में हर साल दीवाली के आस-पास जबरदस्त वायु प्रदूषण होने के कई कारण हैं।

हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का पराली जलाना, हवा का स्थिर होना और दीवाली पर पटाखों से होने वाला प्रदूषण इनमें प्रमुख हैं। ऐसे में तीन बच्चों ने प्रदूषण के खिलाफ जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी, उसी पर यह सुनवाई चली। इस याचिका में बताया गया था कि कैसे बच्चे इस प्रदूषण का सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं।

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