सप्तऋषि आरती विवाद में अब मंत्री नीलकंठ तिवारी से दखल देने की मांग

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वाराणसी। सप्तऋषि आरती विवाद फिलहाल सुलझता नहीं दिख रहा है। मंदिर प्रशासन के अड़ियल रूख को देख अब केंद्रीय ब्राह्मण महासभा आगे आया है। महासभा ने आरती विवाद में स्थानीय विधायक और धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी से दखल करने की मांग की। महासभा ने धर्मार्थ कार्य मंत्री से पूर्व महंत परिवार और मंदिर प्रशासन में सामंजस्य स्थापित कर जनमानस की भावना का सम्मान करने का आग्रह किया है।

महासभा ने मंत्री से किया आग्रह-

सप्तऋषि आरती विवाद के बाद बनारस के लोगों में दो फाड़ हो गए हैं। कुछ लोग मंहत परिवार के अर्चकों के कृत्य से नाराज हैं तो कुछ लोग मंदिर प्रशासन पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। इन सबके बीच ब्राह्मण महासभा ने मंदिर प्रशासन से पूर्व महंत परिवार को पहले की तरह ही सप्तऋषि आरती करने देने का अनुरोध किया है। महासभा के पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी से पूर्व की व्यवस्था बहाल करने की अपील की है। साथ ही महंत परिवार से भी दुष्प्रचार और कॉरिडोर जैसे कार्य में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बाधक नहीं बनने की सलाह दी।

क्या है सप्त ऋषिआरती विवाद?-

पूर्व महंत परिवार से जुड़े अर्चकों ने गुरुवार को सड़क पर अस्थाई शिवलिंग रखकर पूजा पाठ और आरती किया। इसके बाद शहर में हड़कंप मच गया। अर्चकों का आरोप था कि मंदिर प्रशासन ने जान बूझकर उनका पास कैंसिल कर दिया है। इसी विरोध में अर्चकों ने सड़क पर आरती की। वहीं मंदिर प्रशासन का आरोप है कि पूर्व महंत परिवार मंदिर प्रशासन के खिलाफ अफवाह फैला रहा है।

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