संकटमोचन संगीत समारोह : उस्ताद राशिद खां के पुत्र अरमान खान ने कहा कि बस चले तो बनारस में ही रह जाऊं

0

संकट मोचन के संगीत समारोह में मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खां के पुत्र अरमान खान ने अपनी प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया. वहीं कहा कि अगर उनके बस में रहता तो वह बनारस में बस जाते. कलाकार अरमान खान ने संकटमोचन संगीत समारोह को लेकर कहा कि हर कलाकार का सपना होता है कि वह इस मंच पर आकर प्रस्तुति दे सके. वहीं उन्होंने कहा कि बनारस की बात अलग है.

Also Read : संकटमोचन संगीत समारोह में भजन सम्राट की प्रस्तुति से भावविभोर हुए दर्शक

बाबा को किया याद

संकटमोचन संगीत समारोह में प्रस्तुति देने के बाद अरमान खान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आग की प्रस्तुति के समय बाबा ने जो भी सिखाया था वह उनके दिमाग में था. उनकी झलक बार-बार आंखो के सामने आ रही थी. कहा कि आज एक सा रे गा.. भी लगा रहा है तो यह उनकी ही देन है. आज एक खालीपन सा लग रहा था लेकिन महसूस हो रहा था कि उनका हाथ सिर पर है. वहीं सारा श्रेय बाबा और संकटमोचन महाराज को देते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से ही वह अपनी प्रस्तुति दे पाए हैं. वहीं मीडिया से कहा कि रस्म पगड़ी के बाद पहली बार संकटमोचन के दरबार में आना उनके लिए बहुत बड़ी बात है.

1600 चक्कर लगाकर वीं अनुराधा ने किया संकटमोचन को नमन

इसके अलावा संगीत समारोह की चौथी निशा कई मायनों में बेहद खास बन गई. बता दें कि काशी नरेश परिवार के प्रद्युम्न नारायण सिंह ने पहली बार इस मंच पर प्रस्तुति दी. वहीं मंगलवार को भोपाल से आईं वी. अनुराधा ने कथक कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया. डेढ़ घंटे की प्रस्तुति के दौरान उन्होंने बिना रुके करीब 16 सौ चक्कर में कथक की प्रस्तुतियों से श्रोताओं को अचंभित कर दिया. उन्होंने कथक की शुरुआत शिव वंदना शिव शिव.. शंभू भोलानाथ… से की. महज 16 सेकंड में 45 चक्कर लगाकर उन्होंने वंदना को पूर्ण किया. इसके बाद घुंघरुओं की पांच लय में सारंगी के साथ संगत ने ऐसा नृत्य पेश किया कि श्रोता एकटकी लगाए पूरी प्रस्तुति निहारते रहे.

इन दिग्गजों ने भी दी अपनी-अपनी प्रस्तुति

चौथी निशा की चौथी प्रस्तुति के लिये मंच पर पधारीं मुंबई की अमृता चटर्जी ने राग पूरिया कल्याण की अवतारणा की. जनम भयो… बंदिश को उन्होंने राग के स्वरूप के अनुरूप ही मौजूद लोगों तक पहुंचाया. वहीं गायन में राग कल्याण का भी समावेश देखने को मिला जिसके बाद राग मिस्रपीलू में अंग सोहे… की सुमधुर की प्रस्तुति पेश की. तान से गायन को विस्तार देने के बाद तराना देकर प्रभावकारी तरीके से प्रस्तुति का अंत किया.

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More