अब बिना लाइसेंस बेच सकते हैं हैंड सैनिटाइजर

ग्रोसरी शाप, आम दुकानदार भी बेच सकेंगे हैंड सैनिटाइजर

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लखनऊ : हैंड सैनिटाइजर Sanitizer बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता राज्य सरकार ने स्थगित कर दी है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन को देखते हुए शासन ने यह निर्णय लिया है। मेडिकल स्टोर जनरल स्टोर और ग्रोसरी की दुकानों पर भी इसे बेचा जा सकेगा। स्थानीय औषधि निरीक्षक आवश्यकता पड़ने पर जांच कर सकेगा।

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लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हैंड सैनिटाइजर (Sanitizer) बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। सोमवार को प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने सर्कुलर जारी कर इसकी पुष्टि की है। इस निर्णय के बाद अब Sanitizer मेडिकल स्टोर के अलावा ग्रोसरी आदि की दुकानों पर भी बेच सकेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि वैश्विक कोरोना महामारी के चलते ये फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि Sanitizer बेचने के लिए पहले लाइसेंस की जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब सरकार ने लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। जिसके बाद Sanitizer प्रशासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसी भी प्रतिष्ठान पर बेचा जा सकता है। अब ये आसानी से करीबी ग्रोसरी की दुकानों और जनरल स्टोर पर भी उपलब्ध होगा।

Sanitizer

प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनीता सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। ये आदेश 30 जून तक प्रभावी रहेंगे। इसमें कहा गया है कि स्थानीय औषधि निरीक्षक आवश्यकता पड़ने पर जांच कर सकेगा और निर्धारित मूल्य पर ही सैनेटाइजर (Sanitizer) बेचे जाएंगे।

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30 जून तक बेच सकेंगे

आदेशों में कहा गया है कि कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए प्रदेश में 30 जून तक औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के शेड्यूल-के (12) और सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत हैंड सैनिटाइजर के खुदरा विक्रय के लिए औषधि विक्रय लाइसेंस की अनिवार्यता को तत्काल प्रभाव से शिथिल करते हुए मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर आदि के माध्यम से बिक्री की अनुमति दी जाती है।

प्रवासी मजदूरों को 15 दिन मुफ्त राशन

उधर योगी सरकार ने ऐलान किया है कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिन का मुफ्त राशन देने के साथ 1000-1000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। आश्रय स्थलों में रहने वालों का वहीं पर पंजीकरण करने के बाद यह पैसा सीधे उनके खाते में दिया जाएगा। सीएम योगी ने अफसरों को निर्देश दिए कि इन श्रमिकों, कामगारों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कराई जाए। इसके बाद बस द्वारा सभी को इनके जनपदों में भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शेल्टर होम को सेनिटाइज कर सभी के लिए ताजे व भरपेट भोजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। वहीं, 14 दिन की क्‍वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद सबको राशन किट और 1000-1000 रुपये भरण-पोषण भत्ते के तौर पर दी जाएगी।

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