‘इलाके में मुस्लिम आबादी नहीं तो मांस के टुकड़े कैसे आए ?’

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के नाम पर भड़की चिंगारी ने पूरे शहर को जला दिया। इलाके में भड़की हिंसा ने अब सियासी रुप ले लिया है। पहले बुलंदशहर हिंसा में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा। अब सपा के ही कद्दावर नेता आजम खां का नाम भी शुमार हो गया है।

आजम खां ने कहा है कि अगर ये सच में गोकशी का ही मामला है तो इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। आखिर वहां मवेशियों के मांस के टुकड़े कैसे आए और कौन लाया, जबकि उस इलाके में अल्पसंख्यकों की आबादी नहीं है।

हिंसा और अराजकता के दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुज़र रहा है

अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट करके योगी सरकार पर हमला बोला था। अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बुलंदशहर में पुलिस और गांववालों के बीच भयंकर संघर्ष में स्याना कोतवाल सुबोध सिंह की मौत पर दुख जताते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में हिंसा और अराजकता के दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुज़र रहा है।

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बता दें कि गोकशी के शक में बुलंदशहर में हिंसा भड़क गई थी। ग्रामीणों ने पुलिस पर पहले जमकर पछऱाव किया और उसके बाद तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग के दौरान एक इंस्पेक्टर और एक छात्र की मौत हो गई। गोकशी के शक पर शुरू ये दंगा आखिर में खूनी संघर्ष तक पहुंच गई। यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी।

उन्होंने बताया, ‘सोमवार सुबह करीब 10.30-11 बजे के बीच बुलंदशहर के थाना स्याना में यह सूचना मिली थी कि ग्राम मऊ के खेतों में कुछ गोवंश के अवशेष पाए गए हैं। गांव के भूतपूर्व प्रधान ने इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद स्याना थाने के पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिसबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने उत्तेजित ग्रामीणों को समझाया और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ा और बवाल हो गया।

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