आजम का योगी पर जुबानी वार…शैतान नहीं मनाते ईद

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आजम खान ने यूपी के सीएम योगी पर बड़ा जुबानी हमला बोला है। उन्होंने इशारों में योगी की तुलना एक अपराधी और शैतान से करा दी। सपा नेता ने कहा, “इस्लाम में शैतान ईद नहीं मनाता है। अगर वह (योगी) ईद नहीं मनाएंगे, तो मैं भी होली नहीं मनाऊंगा। ऐसे में हमारी सिवई और उनकी गुझिया कौन खाएगा।” आजम यही नहीं रुके, वह आगे बोले, “सदन में यह अपराधियों जैसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहते हैं

कहते हैं कि काट डालूंगा। बताएं यह भी कोई भाषा है?” सपा नेता ने ये बातें गुरुवार (15 मार्च) को बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता लाल जी वर्मा के बेटे के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। बाद में लखनऊ लौटते वक्त इल्तिफागंज में ब्लॉक प्रमुख डॉ.खुशनुमा नजीब खान के घर पर भी गए। आपको बता दें कि आजम अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहते हैं।

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हाल में उनके बयान पर उनकी जमकर निंदा हो रही है। विपक्ष का कहना है कि इस तरह से किसी को भी शैतान कहना गलत है। सपा नेता को माफी मांगनी चाहिए।यहां पत्रकारों से उन्होंने बातचीत में कहा, “सीएम ने कहा कि मुझे हिंदू होने पर गर्व हैं। मैं मुस्लिम हूं। मैं आदमी भी नहीं, इंसान हूं। मुझे इस पर गर्व है। सीएम ने कहा कि मैं हिंदू हूं और ईद नहीं मनाता।

मैं कहना चाहता हूं कि अगर आप ईद नहीं मनाएंगे हमारी सिवंई कौन खाएगा? अगर आप ईद नहीं मनाएंगे तो आपकी गुझिया नहीं कौन खाएगा। हमें गुझिया नहीं खिलाएंगे। हमारी सिवंई नहीं खाएंगे। यह कैसा हिंदुस्तान होगा? यह हो ही नहीं सकता।” सपा नेता आगे बोले, “आप इसलिए ईद नहीं मनाते कि हमारे यहां (इस्लाम) शैतान ईद नहीं मनाता है।

ये तो अपराधियों की भाषा होती है। काट डालूंगा

जिस दिन शैतान (इल्बीस) ईद मना लेगा, उस दिन हमारे धर्म की बल्ले-बल्ले है। हमे कुछ नहीं बुरा लगा उनका। जहां तक साथ की बात है तो अगर योगी समाजवादी हो जाएं तो वह अच्छे लगें।”बकौल आजम, “नफरत के एजेंडे पर सरकार बनाई जा सकती है। चलाई नहीं जा सकती। और सदन में बैठा कोई व्यक्ति यह कहे कि काट डालूंगा। ये तो अपराधियों की भाषा होती है। काट डालूंगा।

औकात बता दूंगा। हैसियत बताऊंगा तुम्हारी। हथियार का बदला हथियार से लूंगा। यह तो भाषा है।” सपा नेता यहीं नहीं रुके। कहा, “हमें तो यह कहा गया कि हम परदेसी हैं। आएं हैं, चले जाएं। पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं। अमेरिका या यूरोप भेजिए हमें, पाकिस्तान क्यों भेजेंगे।”

जनसत्ता

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