माघ मेले के VIP टेंट का रंग दिखेगा भगवा

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यूपी में योगी सरकार आने के बाद हर जगह भगवा रंग बिखेरा जा रहा है। यूपी परिवहन की बसें, मुख्यमंत्री कार्यालय, मंत्रियों के आवास और पीडब्ल्यूडी के होर्डिग्ंस भगवा होने के बाद अब कुंभ में लगने वाले वीआईपी टेंट भी भगवा रंग में रंगे होगे। इस बार कुंभ मेले में वीआईपी जिन टेंट में रुकेंगे वे भगवा रंग के होंगे।  जिधर माघ मेला की तैयारियां जोरो पर हैं वहीँ मेला प्रशासन का ऑफिस त्रिवेणी रोड पर बनाया गया है। यह भगवा रंग का बनाया गया है। इसे बनाने के लिए कलकत्ता से विशेष कारीगर बुलवाए गए थे। मेला प्रशासन के टेंट के अलावा वीआईपी टेंट जो संगम इलाके के पास अक्षयवट मार्ग में बनाए जाएंगे वे भी भगवा रंग के होंगे।

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कोलकाता से बुलाए गये विशेष कारीगर

इन टेंट्स के बाहर का रंग हमेशा नीला या लाल रहता था और अंदर का रंग हमेशा सफेद होता था। पिछले साल लाल और हल्के हरे रंग के टेंट लगाए गए थे और मुख्य द्वार नीले रंग का था। मंगलवार को विशेष कारीगर कोलकाता से आए और उन्होंने टीन शेट के बने कैंप को रंगना शुरू किया। इसे एक बड़े घर की आकृति दी गई है। इस टेंट का पूरा ढांचा लकड़ी के फ्रेम पर बना है। इसे कारीगरों ने भगवा रंग के कपड़े से ढका है। मुख्य द्वार और खिड़कियां और चारों दीवारें भगवा रंग के कपड़े स ढक दी गईं हैं। कैंप ऑफिस के अंदर का रंग अभी सफेद ही रहेगा। कारीगर ने बताया कि उन लोगों ने मुख्य टेंट पूरा कर लिया है। अब दूसरे छोटे कैंप बनाएंगे। इन्हें भी भगवा रंग दिया जाएगा।

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आयोजन के हिसाब से भगवा को बताया चोखा रंग

इस वीआईपी परिसर में कई वीआईपी टेंट लगेंगे। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उन लोगों ने भगवा रंग इसलिए चुना क्योंकि यह रंग आयोजन के हिसाब से फिट बैठता है। यहां संत और योगी यहां आते हैं, वे भी भगवा रंग के कपड़े पहनते हैं। मेला अधिकारी राजीव राय ने कहा कि कैंप के रंग के पीछे इतना हल्ला क्यों हो रहा है? यह रंग देखने में अच्छा लगता है और मेले के आयोजन पर फिट बैठता है।

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बिना कोई निर्देश के टेंट का रंग किया भगवा

उन्होंने कहा कि टेंट को भगवा रंग देना का फैसला उनका था किसी ने भी उन्हें कोई निर्देश नहीं दिया। हालांकि मेले के मुख्य ठेकेदार ने कहा कि मेले के आयोजन के लिए जो बजट दिया गया था उसमें सबसे अच्छा काम किया गया है। अगर कुछ और टेंट लगाने को कहा जाता है तो उन्हें 8 करोड़ रुपये की और आवश्यकता होगी। अगर अर्ध कुंभ में इसस तरह के टेंट और लगाए जाएंगे तो उसके लिए प्रशासन को 40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट चाहिए होगा।

साभार: ( नवभारत टाइम्स )

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