SA vs IND: भारतीय टीम को अफ्रीका में बैटिंग करना चुनौतिपूर्ण- द्रविड़

साउथ अफ्रीकी पिचों पर बल्लेबाजी करना मुश्किल

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स्पोर्ट्स डेस्क: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-1 से सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम (india) साउथ अफ्रीका ( southa frica) दौरे के लिए रवाना हो गयी है. जहाँ टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ( rahul dravid) ने टीम के सभी खिलाडियों को एक महीने के लम्बे दौरे में मैच जितने वाले योगदान देने की बात कही है. बता दें की भारत 10 दिसंबर से अफ्रीका के खिलाफ तीन T-20 मैचों की सीरीज खेलेगा.उसके बाद तीन मैचों की वनडे सीरीज और दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगा.

भारतीय टीम पूरी तरह से साउथ अफ्रीका का सामना करने को तैयार है. डरबन में पहले टी-20 मैच में सूर्यकुमार यादव भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे. द्रविड़ का मानना है कि साउथ अफ्रीकी पिचों पर बल्लेबाजी करना मुश्किल है और वह चाहते हैं कि बल्लेबाजों के पास जिम्मेदारी से बैटिंग करने के लिए गेम प्लान हो.

राहुल द्रविड़ ने कहा कि,” भारतीय टीम को अफ्रीका में बैटिंग करना चुनौतीपूर्ण है. आंकड़े आपको बताएंगे की यहाँ बैटिंग करना क्यों मुश्किल है.यह बैटिंग करने कि एक मुश्किल जगह है. खासकर सेंचुरियन और जोहानिसबर्ग में विकेट कुछ-कुछ करते रहते हैं और वे ऊपर-नीचे भी होते रहते हैं. प्रत्येक बल्लेबाज के पास एक गेम प्लान होगा कि वे कैसे जाना चाहते हैं, जब तक वे इसके बारे में स्पष्ट हैं और वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए अभ्यास कर रहे हैं, यह ठीक है.’ द्रविड़ ने यह भी कहा कि अफ्रीकी महाद्वीप में खेलने के लिए शारीरिक दृढ़ता के बजाय मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होगी.

ICC में भारत का दबदबा-

आपको बता दें की ऐसा पहली बार है जब ICC में किसी एक टीम का दबदबा कायम हो. जैसा मौजूदा समय में भारत का है. ICC रेटिंग में 9 रैंक निकालती है जिसमे पांच में भारतीय का दबदबा है. वनडे बोलिंग में कुछ दिनों पहले मोहम्मद सिराज नंबर-1 पर थे और एक बार फिर वह पोजिशन हासिल कर सकते हैं. जब इतने सारे नंबर-1 भारत में हैं तो फिर टीम इंडिया के पास आईसीसी की खिताबों का सूखा क्यों रहता है.

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क्या स्टारडम बन रहा वजह-

आपको बता दें की जहाँ देखो भारतीय टीम का दबदबा है तो फिर ICC ट्रॉफी में इसका सूफड़ा साफ़ क्यों हो जाता है. कुछ का मन्ना है की यह इसलिए होता है क्यूंकि इसकी वजह स्टारडम का हावी होना है, जहां प्लेयर के निजी आंकड़ों का महत्व टीम की हार-जीत से ज्यादा महत्व रखने लगते हैं. निसंदेह: प्लेयर मेहनत करते हैं तो नंबर-1 की पोजिशन हासिल करते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ उनके साथ स्टार का रुतबा भी चिपक जाता है और फिर यह स्टारडम टीम प्लेयर्स के बीच असंतुलन पैदा करता है.

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