बाघ से लड़ गई ये छात्रा… और सबसे पहले ली खून से लतपथ सेल्फी

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दुबली पतली साधारण सी दिखने वाली रुपाली ने जो कर दिखाया वो बड़े बड़े धुरंदर करने से कतराते है। हम बात कर रहे है साधारण से परिवार की रहने वाली रुपाली जिसकी बहादुरी के चर्चे पूरे गांव में है। रुपाली ने बकरी की जान बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई।

पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में कई चोटें भी है

न सिर्फ बाघ के खूनी पंजे से खुद को बल्कि बकरी को भी बचा लाई। सुरक्षित पहुंचते ही उसने सबसे पहले खू से लतपत अवस्था में सबसे पहले मां के साथ सेल्फी ली। 21 साल की रुपाली कार्मस की छात्रा है। बाघ से भिड़ते समय उसके हाथ पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में कई चोटें भी है।

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बाघ के पंजों से बुरी तरह घायल और खून से लथपथ इस बहादुर लड़की ने घर के भीतर आने के बाद क्या किया? अपना मोबाइल फ़ोन निकालकर अपनी और घायल मां की सेल्फ़ियां लीं। क्योंकि बाघ अब भी बाहर था, सुरक्षा की गारंटी नहीं थी, लिहाज़ा वो अपनी हालत को कैमरे में सुरक्षित कर लेना चाहती थी.21 साल की कॉमर्स ग्रैजुएट रुपाली मेश्राम एक दुबली-पतली सी ग्रामीण लड़की हैं।

लेकिन फिर भी गाँव लौटने का हौसला बाकी है

साधारण परिवार की इस लड़की के सिर पर, दोनों हाथ-पांव और कमर पर घाव के निशान दिखते हैं।सिर और कमर के घाव गहरे थे लिहाज़ा वहां टांके आए हैं। नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अहाते में वह अपना डिस्चार्ज कार्ड दिखाती हैं जिसपर घावों की वजह साफ़ लिखी है जंगली पशु बाघ का हमला। हालांकि असली कहानी है कि किस तरह से उसने और उसकी मां ने बाघ से भिड़कर ख़ुद की जान बचाई, लेकिन फिर भी गाँव लौटने का हौसला बाकी है।

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