राम मंदिर मुद्दे को धार देने के लिए संघ और वीएचपी करेगा 543 रैलियां

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर से आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद ने बिगुल बजा दिया है। ये बिगुल कितना सियासी और कितना धार्मिक है इसका आकलन करना कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि पिछले साढ़े चार सालों से केंद्र में और डेढ़ सालों से प्रदेश की सत्ता में बैठी भाजपा की सरकार की मंशा अगर मंदिर बनाने और जनता की आस्था की जरा भी कद्र होती तो कुछ न कुछ इसका हल जरूर निकाल लेती। लेकिन आम चुनावों से पहले मंदिर मुद्दे को आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों के जरिए हवा देकर अपने लिए चुनावी माहौल तैयार करने से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

543 संसदीय क्षेत्रों में आयोजित की जाएंगी रैलियां

25 नवंबर को राम की नगरी अयोध्या में वीएचपी की धर्मसभा और शिवसेना का मेगा इवेंट भी कहीं न कहीं इसी कड़ी का हिस्सा है। धर्मसभा के बाद आरएसएस और वीएचपी ने पूरे देश में मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन शुरु करने का एलान किया है। ये सभाएं देश के 543 संसदीय क्षेत्रों में आयोजित की जाएंगी। इन रैलियों के जरिए पूरे देश से लोगों को एकजुट करने की रणनीति है।

मंदिर मुद्दे को नई चमक देने के लिए मेगा इवेंट

राम मंदिर मुद्दे को एक बार फिर से नई चमक देने के लिए संघ और विश्व हिंदू परिषद 25 नंवबर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में एक बड़े आयोजन की तैयारी में है। इसके बाद देश की सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में एक महीने के अंदर आयोजन के जरिए राम मंदिर निर्माण की अलख जगाने की पूरी कोशिश करेगी। ये आयोजन 25 नवंबर से शुरू होकर 25 दिसंबर तक चलेंगे। जिसमें 9 दिसंबर को दिल्ली में साधु संत एक बड़े आंदोलन की भी तैयारी में जुटे हैं।

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वाराणसी में संघ ने बनाई रणनीति

बता दें कि संघ में दूसरे नंबर के नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने इस महीने के शुरू में ही अयोध्या का दौरा किया था। उन्होंने अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया था। और यहीं से इस आयोजन की रणनीति बनाई गई थी। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना भी अयोध्या में मेगा इवेंट के जरिए यूपी में अपनी पैठ बनाने के लिए मैदान में है।

शिवसेना प्रमुख संतों के साथ कर सकते हैं बैठक

शिवसेना प्रमुख की अयोध्या में साधु-संतों के साथ बैठक करने की योजना है। वे शनिवार को अयोध्या पहुंचेंगे और जहां लक्ष्मण पार्क में संतों के साथ मुलाकात कर सकते हैं। उद्धव ठाकरे सरयू के तट पर आरती भी करेंगे।

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