किसानों के साथ छलावा कर रही योगी सरकार : रालोद

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राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही कर्ज माफी को किसानों के साथ छलावा करार देते हुए, साथ ही गन्ना और चावल के मिल मालिकों के साथ सरकार की सांठगांठ का भी आरोप लगाया है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने सोमवार को कहा, “एक ओर यह सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति पर आंसू बहाने का नाटक करती है और दूसरी ओर कर्जमाफी के नाम पर भद्दा मजाक करती है। सरकार के प्रभारी मंत्रियों द्वारा विभिन्न जनपदों में बांटे जा रहे कर्जमाफी प्रमाण पत्र की आड़ में सरकार करोड़ों रुपया टेंट आदि लगाने के नाम पर खर्च कर रही है तथा स्टेज पर बुलाकर किसानों की आर्थिक स्थिति का मखौल बनाया जा रहा है।

25 रुपये, 55 रुपये से लेकर 238 रुपये कर्जमाफी के प्रमाणपत्र

उन्होंने कहा, “कई जनपदों में आठ रुपये, 25 रुपये, 55 रुपये से लेकर 238 रुपये तक की कर्जमाफी का प्रमाण पत्र देकर किसानों को बेइज्जत किया जा रहा है, जो सर्वथा निंदनीय है।” डॉ. अहमद ने कहा, “गन्ना किसान अब तक स्वयं को सुखी नहीं महसूस कर पा रहा और पुन: गन्ना के आवंटन का समय आ गया है। धन्ना सेठों ने अपनी-अपनी मिलों के लिए दौड़ लगानी शुरू कर दी है ताकि अधिक से अधिक गन्ने का आवंटन उनकी मिल के पक्ष में हो सके, भले ही किसानों के लिए उस मिल की दूरी अधिक क्यों न हो।”

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उन्होंने कहा कि यही स्थिति कमोबेश धान किसानों की भी है, जहां चावल के मील मालिकों द्वारा भी धान की सीधी खरीद में अपनी भागीदारी सरकार द्वारा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। दोनों ही स्थितियां किसानों के लिए लाभप्रद नहीं हो सकतीं।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार द्वारा जल्द ही गन्ना किसानों की मिलों का आवंटन नजदीक की मिलों में न किया गया और धान किसानों को धान क्रय केंद्रों पर उचित सुविधाएं न दी गईं तो रालोद के कार्यकर्ता और किसान धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।

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