लैंगिक भेदभाव एक बुराई : रितुपर्णा सेनगुप्ता

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लैंगिक भेदभाव के खिलाफ एक अभियान का समर्थन करने वाली अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता का कहना है कि सामाजिक बहिष्कार एक बुराई है, जिसने लोगों को बांटा है। अभियान का टीजर ‘नो कंडीशन्स अप्लाई’ पिछले महीने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लांच हुआ था।

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अभियान के समर्थन में एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी

अभियान के समर्थन में एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी, जो सात अक्टूबर को रिलीज होगी।कलकत्ता टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा शुरू किए गए अभियान में उन महिलाओं के अनुभवों के बारे में बताया गया है जिनके साथ भेदभाव हुआ और जब उन्हें दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान सिंदूर खेला में भाग लेने की अनुमति मिली तो उन्हें कैसा महसूस हुआ।

इस अभियान के जरिए रितुपर्णा भेदभाव से परे जाकर अविवाहित, तलाकशुदा, विधवा, ट्रांसजेंडर, यौन कर्मी, समलैंगिक सभी का सिंदूर खेला में स्वागत करना चाहती हैं।

इसलिए महिलाओं का इसके साथ मजबूत जुड़ाव है

रितुपर्णा ने अपने बयान में कहा, “मैं इस अभियान के संदेश में पूरी तरह से विश्वास करती हूं। समाज के हर वर्ग की महिला को हर त्योहार को अपने परिवार और दोस्तों के साथ समान रूप से मनाने का अधिकार है। सिंदूर दिव्यता, प्रेम, शांति, आशीर्वाद और पूर्वाग्रह के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक है, इसलिए महिलाओं का इसके साथ मजबूत जुड़ाव है।

महिलाओं को स्वीकार किए जाने की उम्मीद करते है

उन्होंने कहा, “महिलाओं का अस्तित्व खुशी से भरा होना चाहिए न कि डरा हुआ। सामाजिक बहिष्कार एक बुराई है, जिसने हमें बांटने का काम किया है और यह जरूरी है कि हम इस बुराई से लड़कर इस सोच को जड़ से खत्म कर दें। सिंदूर खेला एक ऐसा ही अवसर है और इस अभियान ‘नो कंडीशन्स अप्लाई’ के जरिए हम सकारात्मक बदलाव लाने और समाज में जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को स्वीकार किए जाने की उम्मीद करते है।अभिनेत्री का अन्य हस्तियों जैसे गार्गी रॉय चौधुरी, मानोबी बंदोपाध्याय और सोहिनी सेनगुप्ता ने समर्थन किया है।

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