जन्मदिन विशेष …जब दाउद के घर चाय पर गये थे ऋषि कपूर
कम उम्र में ही नेशनल अवार्ड जीतने वाले अभिनेता ऋषि कपूर का आज जन्मदिन है। ऋषि कपूर ने ‘मेरा नाम जोकर’ से एक चाइल्ड एक्टर के रूप में अपनी फ़िल्मी पारी शुरू की थी। इसके बाद सुपरहिट फिल्म बॉबी से ऋषि कपूर ने हीरो के तौर पर नजर आये। साथ ही उनका विवादों से भी चोली दामन का साथ रहा है।
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डेब्यू चाइल्ड अभिनेता का नेशनल अवार्ड जीता
ऋषि कपूर 65 साल के हो गये है। ऋषि कपूर की आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला ऋषि कपूर अन्सेन्सर्ड’ इस साल जनवरी में आई है। जिसमें उन्होंने अपने बारे में कई खुलासे किये हैं। इस फ़िल्म के लिए उन्होंने डेब्यू चाइल्ड अभिनेता का नेशनल अवार्ड जीता था। एक हीरो के तौर पर बॉबी उनकी पहली फिल्म थी। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर से बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला था। अवार्ड को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती रहती हैं। कुछ लोग अवार्ड बिकाऊ होता है, ऐसी बातें भी करते हैं। ऐसे में ऋषि कपूर का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है। पढ़िए उन्होंने क्या लिखा है- ”हां…मैंने बेस्ट एक्टर का अवार्ड खरीदा है और इसीलिए अमिताभ बच्चन नाराज़ हैं।”
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जब अमिताभ हो गये थे नाराज…
ऋषि कपूर ने बताया कि उन्होंने ‘बॉबी’ फ़िल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड खरीदा था। वो भी 30 हज़ार रूपये में। इतना ही नहीं, ऋषि कपूर बताते हैं कि अमिताभ बच्चन इसलिए उनसे काफी समय तक नाराज़ थे क्योंकि उन्हें लगा वो ‘ज़ंजीर’ के लिए जीतेंगे। ऋषि कपूर ने अपनी किताब में दाऊद इब्राहिम से उनकी मुलाकात पर लिखा है कि- “शोहरत ने मुझे अच्छे लोगों के साथ ही संदिग्ध लोगों से भी मिलवाया। इनमें से एक था दाऊद इब्राहिम। यह साल 1988 की बात है।
जब दाउद के साथ पी थी चाय…
जाहिर है, यह 1993 के मुंबई ब्लास्ट से पहले की घटना थी और उस वक्त मैं दाऊद को भगोड़ा नहीं समझता था। तब तक वह महाराष्ट्र के लोगों का दुश्मन भी नहीं था। या कम से मुझे ऐसा लगता था। दाऊद ने मेरा स्वागत किया और कहा,’किसी भी चीज की जरूरत हो तो बस मुझे बता दें।’ उसने मुझे अपने घर भी बुलाया। मैं भौंचक्का था।”
आगे ऋषि कपूर लिखते हैं कि- “दाऊद सफेद रंग की शानदार इटैलियन ड्रेस में आया और उसने गर्मजोशी के साथ हमारा स्वागत किया। उसने माफी मांगने के अंदाज में कहा,’मैंने आपको चाय के लिए इसलिए बुलाया क्योंकि मैं शराब नहीं पीता।
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आपराधिक गतिविधियों के बारे में भी थे कोई पछतावा नहीं
‘ उसने बहुत सी चीजों के बारे में बात की, अपनी कुछ आपराधिक गतिविधियों के बारे में भी, जिनके लिए उसे कोई पछतावा नहीं था।”ऋषि कपूर लिखते हैं- ”मेरे पिता राज कपूर 28 साल के थे और पहले ही हिंदी सिनेमा के शो-मैन का ख़िताब पा चुके थे। उस वक़्त वो प्यार में भी थे, दुर्भाग्य से मेरी मां के अलावा किसी और से। उनकी गर्लफ्रेंड उनकी कुछ हिट्स आग, बरसात और आवारा में उनकी हीरोइन भी थीं।” ऋषि लिखते हैं कि नर्गिस को इन-हाउस हीरोइन कहते थे और आरके स्टूडियो के चिह्न में भी वो शामिल हैं।
वेटरन एक्ट्रेस वैजयंतीमाला राज कपूर के साथ अफ़ेयर से हमेशा इंकार करती रही हैं, लेकिन ऋषि लिखते हैं- ”मुझे याद है जब पापा वैजयंतीमाला के साथ इंवॉल्व थे, तो मैं मम्मी के साथ मैरीन ड्राइव के नटराज होटल में शिफ़्ट हो गया था।
पिता को शराब, सिनेमा और लीडिंग लेडीज़ से प्यार था
होटल से हम लोग दो महीने के लिए चित्रकूट अपार्टमेंट में चले गए, जो पापा ने मॉम और हमारे लिए ख़रीदा था।”ऋषि ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि वैजयंतीमाला ने राज कपूर के साथ अपने अफे़यर को मैन्युफेक्चर्ड बताया था। उनका कहना है कि अगर उस वक़्त पापा ज़िंदा होते तो वो ऐसा कहने की हिम्मत हरगिज नहीं कर सकती थीं। ऋषि ने लिखा है कि उनके पिता को शराब, सिनेमा और लीडिंग लेडीज़ से प्यार था।
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