कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर का निधन, अमिताभ ने ट्वीट कर कहा- वे चले गए!

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कपूर परिवार के अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे। वे 67 साल के थे और कैंसर से जूझ रहे थे। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। बुधवार को इरफान खान के निधन की खबर से बॉलीवुड उबरा भी नहीं था कि ऋषि कपूर के जाने की खबर आ गई।

ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 को हुआ था। आज सुबह (30 अप्रैल 2020) उनका निधन हो गया। ऋषि कपूर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म में शानदार भूमिका के लिए 1971 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया।

कपूर का जन्म पंजाब के हिंदू परिवार में ऋषि राज कपूर के रूप में मुंबई के चेम्बूर में हुआ था। वह अभिनेता-फिल्म निर्देशक राज कपूर और अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पोते का दूसरा पुत्र थे। उन्होंने कैंपियन स्कूल, मुंबई और मेयो कॉलेज, अजमेर में अपने भाइयों के साथ अपनी स्कूली शिक्षा की। उनके भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर, मातृ चाचा प्रेम नाथ और राजेंद्र नाथ और पैतृक चाचा, शशि कपूर और शम्मी कपूर सभी अभिनेता हैं। उनकी दो बहनें हैं बीमा एजेंट रितु नंदा और रिमा जैन हैं।

ऋषि कपूर स्‍वर्गीय राज कपूर के बेटे और पृथ्‍वीराज कपूर के पोते है। परम्‍परा के अनूसार उन्‍होने भी अपने दादा और पिता के नक्‍शे कदम पर पैर रखते हूए फिल्‍मों में अभिनय किया और वे एक सफल अभिनेता के रूप में उभर आए। मेरा नाम जोकर यह उनकी पहली फिल्‍म है जिसमें उन्‍होने अपने पिता के बचपन का रोल किया। जो किशोर अवस्‍था में अपने टिचर से ही प्‍यार करने लगता है। परन्‍तु बॉबी फिल्‍म में वे बतौर अभिनेता के रूप में दिखायी दिए। ऋषि कपूर और नीतू सींह की शादी 22 जनवरी 1980 में हुइ थी।

इनके दो बच्चे हैं रणबीर कपूर जो की एक अभिनेता है और रिदीमा कपूर जो एक ड्रैस डिजाइन है। करिश्मा कपूर और करीना कपूर इनकी भतीजियां हैं। ऋषि कपूर सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियों के लिए विवादों में रहते थे।

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फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार

1970- बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड्स : स्पेशल अवार्ड और नेशनल फ़िल्म अवार्ड, मेरा नाम जोकर के लिए
1974 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – बॉबी
2008- फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

यादगार फिल्में
मंटो, मुल्क, कपूर एंड संस, सनम रे, शादी पुलाव, All Is Well,बेवकूफियां, शुद्ध देसी रोमांस, बेशर्म, डी-डे, औरंगजेब, चश्मे बद्दूर, अग्निपथ, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, हाउसफुल 2, जब तक है जान, टेल मी ओ खुदा, पटियाला हाउस, साड़ियां, दो दुनी चार, Luck by Chance, चिंटू जी, दिल्ली -6, कल किसने देखा, हल्लाबोल, थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक, नमस्ते लंदन, ओम शाँति ओम, लव के चक्कर में, फ़ना, प्यार में ट्विस्ट, हम तुम , तहज़ीब, कुछ तो है, ये है जलवा, कुछ खट्टी कुछ मीठी, राजू चाचा, कारोबार, जय हिन्द, कौन सच्चा कौन झूठा, प्रेम ग्रंथ, दरार, हम दोनों, साजन की बाहों में, याराना, ईना मीना डीका, ईना,मेरा नाम जोकर।

ऋषि की फिल्मों के सुपरहिट डायलॉग

हर इश्क का एक वक्त होता है, वो हमारा वक्त नहीं था, पर इसका ये मतलब नहीं कि वो इश्क नहीं था – जब तक है जान (2012)
हम आज जो फैसला करते है, वही हमारे कल का फैसला करेगा’ -फना (2006)

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