सर्वे: वर्क फ्रॉम होम खत्म करने वाली कंपनियों में बढ़े इस्तीफे
कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम अब कंपनियों के कर्मचारियों को भा चुका है. कर्मचारी किसी भी कीमत में ऑफिस जाकर काम नहीं करना चाहते. इसी वजह से उन कंपनियों के कर्मचारियों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है, जिस कंपनी ने वर्क फ्रॉम होम खत्म कर दिया है. इतना ही नहीं, वहां नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की संख्या में इजाफा भी हुआ है. दूसरी तरफ, जिन कंपनियों में अभी वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, उनमें इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है. दरअसल, एओएन ने अपने सर्वे में 700 से अधिक कंपनियों को शामिल किया था.
एचआर सॉल्यूशंस फर्म एओन के एक सर्वे के अनुसार, वर्क फ्रॉम होम खत्म करने वाली कंपनियों ने साल 2022 में इस्तीफे में बढ़ोतरी देखी है. सर्वे के डेटा से पता चलता है कि अगस्त में वर्क फ्रॉम होम समाप्त करने वाली कंपनियों के लिए एट्रिशन 29 प्रतिशत था. इसके उलट, जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी थी या हाइब्रिड वर्क मॉडल का पालन किया, उनमें केवल 19 प्रतिशत एट्रिशन दर्ज किया गया.
मनीकंट्रोलकी एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें घर की बजाय ऑफिस से कामकाज कराने वाली कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारत में केवल 9 प्रतिशत कंपनियां ही अगस्त 2022 में पूरी तरह से अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवा रही थींं. जनवरी में 38 प्रतिशत कंपनियों के कर्मचारी ऑफिस के बजाय घर बैठकर काम कर रहे थे.
एओएन के सर्वे से साफ है कि कर्मचारियों की पहली प्राथमिकता घर से ही काम करना है. यही वजह है कि जिन कंपनियों ने ऑफिस आकर काम करना अनिवार्य किया है, वे अपने कर्मचारियों को अपने साथ जोड़े रखने में कमजोर पड़ रही हैं. अब भी कई प्रमुख कंपनियों ने हाइब्रिड मॉडल को ही अपनाया हुआ है. इनमें आरपीजी ग्रुप, पेप्सिको और टेक महिंद्रा शामिल हैं.
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