कोरोना पर बड़ा खुलासा करने से पहले ही चीनी Researcher को गोलियों से उड़ाया
सिर, गर्दन, धड़ और हाथ-पैरों में गोलियां मारी गयीं
वाशिंगटन : कोरोना वायरस पर महत्वपूर्ण खोज करने के नजदीक पहुंचे एक चीनी रिसर्चर Researcher की अमेरिका के पेनसिलवानिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
गोलियों के निशान
मीडिया में आई खबरों में यह बात कही गई। रॉस पुलिस विभाग के अनुसार पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिंग लिउ (37) शनिवार को उत्तरी पिट्सबर्ग की रॉस टाउनशिप में स्थित अपने घर में मृत पाए गए। उनके सिर, गर्दन, धड़ और हाथ-पैरों में गोलियों के निशान थे। जांच अधिकारियों का मानना है कि अपनी कार में मृत मिले 46 वर्षीय एक व्यक्ति ने लिउ की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर अपनी कार में लौटकर आत्महत्या कर ली।
चीन पर सवाल खड़े हो रहे
चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। दुनिया के ज्यादातर देश इस वायरस को लेकर चीन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। हालांकि चीन इस वायरस के फैलने में अपनी भूमिका को नकारता रहा है।
चीन फिर सवालों के घेरे में
चीन ने कहा है कि अमेरिका इसका सबूत दे वरना चीन पर वेबुनियाद आरोप न लगाए। अब वहां कोरोना बीमारी से जुड़े एक Researcher की हत्या कर दी गई है जिसके बाद चीन फिर सवालों के घेरे में है।
चीन के कुछ लोग नहीं चाहते थे खुलासा हो
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर में काम करने वाले Researcher डॉक्टर बिंग लिऊ ने कोरोना वायरस पर कोई बहुत बड़ी खोज की थी। बिंग लिऊ उसे सार्वजनिक करने जा रहे थे, लेकिन उससे पहले उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि कि क्या Researcher कुछ ऐसा बताने वाले थे जो चीन के कुछ लोग नहीं चाहते थे।
अपार्टमेंट में अकेले रहते थे
सबसे बड़ी बात यह है कि Researcher बिंग लिऊ की हत्या करने वाले शख्स ने खुद भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। गौरतलब है कि 37 साल के Researcher बिंग लिऊ अकेले रहते थे और रॉस इलाके में उनके अपार्टमेंट में घुसकर एक आदमी ने उनकी गोली मार हत्या कर दी।
यूनिवर्सिटी ने घटना पर शोक व्यक्त किया
सीएनएन की खबर के अनुसार जांच अधिकारी सार्जेंट ब्रियान कोहलेप ने कहा कि पुलिस का मानना है कि दोनों लोग एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि लिउ की हत्या उनके चीनी होने की वजह से की गई। यूनिवर्सिटी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए लिउ के अनुसंधान कार्यों को याद किया।
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के सहकर्मियों ने कहा, “लिउ सार्स-कोव-2 संक्रमण से जुड़े कोशिकीय तंत्र को समझने की दिशा में महत्वपूर्ण खोज करने के करीब थे। वह बहुत ही प्रतिभावान और परिश्रमी थे।”
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