Republic Day 2024: जानें कर्तव्य पथ पर ही क्यों होती है गणतंत्र दिवस परेड ?

जानें कहां मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस ?

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Republic Day 2024: 1947 में हमारे देश को आजादी मिलने पर देश को सिर्फ अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा मिला. उस समय हमारे देश में संविधान नहीं था, जिसका अर्थ है कि कुछ बुनियादी नियम जिनका पालन सरकार और नागरिक दोनों करते हैं. ऐसे सभी नियम संविधान कहलाते हैं, जो आजादी के बाद भारत में तीन साल तक नहीं था. फिर साल 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था.

आज हमारा देश गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. ऐसे में इस गणतंत्र दिवस पर भी हर साल की तरह लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड , शीतलहर और धुंध के बीच भी लोग हजारों की संख्या में कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए लोग पहुंच गए हैं. हर साल देश के सभी राज्यों की झांकियां निकाली जाती है. तीनों सेनाओं का मार्च होता है और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया जाता है. हर साल इस दिन का आयोजन करने के लिए एक प्रमुख अथिति को निमंत्रण दिया जाता है. इस कड़ी में आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया है. लेकिन इन सब में बड़ा सवाल यह है कर्तव्य पथ पर ही क्यों होती है गणतंत्र दिवस की परेड?

गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए क्यों चुना गया कर्तव्य पथ?

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कर्तव्य पथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस स्थान ने भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. यह स्थान पहले किंग्स-वे के नाम से जाना जाता था. यह स्थान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली का ‘केंद्र’ हुआ करता था. भारत की आजादी के बाद यह किंग्स-वे से राजपथ के नाम से जाना जाने लगा, तब से बीते सात दशकों से गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम का यहीं स्थान रहा है.

कहां मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस?

गणतंत्र दिवस की पहली परेड इरविन स्टेडियम में हुई थी, जो दिल्ली के पुराने किले के सामने बना हुआ था. अब इस स्थान का नाम मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम है. उस समय स्टेडियम में चहारदीवारी नहीं थी. खुले मैदान के सामने पुराना किला स्पष्ट दिखाई दिया करता था. गणतंत्र दिवस समारोह को इरविन स्टेडियम में पहली बार मनाने के बाद भी 1955 तक गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम अलग – अलग स्थानों पर मनाया जाता रहा था.

इसके बाद 1954 तक गणतंत्र दिवस समारोह कभी स्टेडियम, किंग्स-वे (राजपथ), लालकिला या रामलीला मैदान में मनाया जाता था. लेकिन गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम राजपथ पर ही मनाने की परंपरा 1955 से शुरू हुई थी. तब से आज तक गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम कर्तव्य (राजपथ) पर ही मनाया जाता है. गणतंत्र दिवस परेड रायसिना हिल्स से शुरू होती है और राजपथ, इंडिया गेट से होकर लालकिला तक जाती है.

इसके पश्चात राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस मनाए जाने की परंपरा साल 1955 से प्रारंभ हुई थी. उस साल से अब तक गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ (राजपथ) पर मनाया जाता है. इसके साथ आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस समारोह में परेड की शुरूआत रायसिना हिल्स से शुरू होकर राजपथ , इंडिया गेट से होते हुए लालकिला तक पहुंचती है.

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कब बदला गया राजपथ का नाम?

साल 2022 के सितंबर माह में राजपथ का नाम बदल कर कर्तव्य पथ पर रख दिया गया था. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुन: बनाए गए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के एक हिस्से का आधिकारिक उद्घाटन हुआ. राजपथ के नाम में बदलाव को लेकर सरकार ने कहा था कि, ”यह नामकरण शक्ति के प्रतीक के रूप में देखे जाने वाले पूर्व राजपथ से नए कर्त्तव्य पथ में परिवर्तन का प्रतीक है, जो सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण के प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य करता है.”

 

 

 

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