Relationship Guidance: पैसे को लेकर पार्टनर से होती है लड़ाई तो, अपनाएं ये टिप्स

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Relationship Guidance: कहते है ‘शादी के बाद एक नए अध्याय की शुरूआत होती है’ और इसके साथ ही शुरू होता है जिम्मेदारियों का सफर. इसमें कई बार पैसा लड़ाई की वजह बन जाता है. अक्सर देखने को मिलता है कि पति – पत्नी के बीच ज्यादातार पैसा ही झगड़े का कारण बनता है. हालांकि, आज के समय में अधिकतर पार्टनर वर्किंग ही होते हैं . ऐसे में फाइनेंशियल जिम्मेदारियों का बोझ किसी एक पर न होकर दोनों पर बराबर का होता है, जिससे दोनों रिलीफ रहते हैं. लेकिन यदि फिर भी पैसे को लेकर आप दोनों के बीच में खटपट हो रही है तो, इसके लिए कुछ चीजों की प्लानिंग करें और इन टिप्स को फॉलों करे….

1- तैयार करें महीने का बजट

शादी के बाद आप महीने का बजट तैयार करें, ताकि, महीना खत्म होने के साथ ही आपके हाथ खाली न हो जाएं. बजट बनाते समय 50-30-20 के रूल को फॉलो करें. इसमें 50 फीसदी पैसे जरूरी खर्चों के लिए, 30 फीसदी शौक और इंटरटेनमेंट के लिए और 20 फीसदी बचत और इनवेस्टमेंट में रखे. कोशिश करें बचत वाला हिस्सा हमेशा ज्यादा ही जाए.

2- इनकम से कम हो खर्च

ध्यानपूर्वक खर्च करना फाइनेंशियल हैप्पीनेस का एक महत्वपूर्ण मंत्र है. हमारी प्राचीन संस्कृति में कहा गया है कि पांव उतने ही पसारों जितनी बड़ी चादर हो. मतलब यह है कि आप अपनी आय के हिसाब से खर्च करें. बेहतर पर्सनल फाइनेंस के अनुसार खर्च इनकम का लगभग 80 प्रतिशत होना चाहिए. इसमें कम से कम 20 प्रतिशत निवेश और बचत करना अनिवार्य है. यदि आप खर्चों पर ध्यान नहीं देते आप कुछ भी बचत नहीं कर पाएंगे. अपने स्तर की लाइफस्टाइल चलाने पर आपको हर समय मुसीबत से बचना होगा.

3- इमरजेंसी फंड जरूर करें तैयार

 

इमरजेंसी में पैसे के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े इसके लिए एक इमरजेंसी फंड बनाकर रखें. इमरजेंसी परिस्थितियों में इनवेस्टमेंट से पैसे निकालने की संभावना कम होती है, इसलिए ये इमरजेंसी फंड आवश्यक हैं. हां, इमरजेंसी पैसे को लिक्विड फंड स्कीम में या सेविंग बैक अकाउंट में रखें. दोनों से पैसे निकालना आसान है, जिससे आप किसी भी दुर्घटना को स्वयं संभाल सकें. आपका दूसरा इमरजेंसी पैसा कम से कम आपकी आय का छह गुना होना चाहिए.

4- जरूर लें हेल्थ इंश्योरेंस

लाइफ इंश्योरेंस की तरह ही हेल्थ इंश्योरेंस भी काफी जरूरी है. फैमिली फ्लोटर पॉलिसी अच्छी है क्योंकि आप उन्हें बाद में बच्चे होने पर भी इसमें शामिल कर सकते हैं. युवाओं में स्वास्थ्य पॉलिसी अच्छी होती है, पेरेंट्स के साथ पॉलिसी ले रहे हैं, तो कम से कम 10 लाख रुपये की आवश्यकता होगी.

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5- पैसे डबल करने वाली योजनाओं से रहे सतर्क

ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने के चक्कर में ऐसी योजनाओं में बिल्कुल न फंसे, जो आपके पैसे डबल करने की लालच देते हैं. किसी भी चीज़ में इनवेस्टमेंट करने से पहले उसके बारे में जान लेना जरूरी है, जहां कुछ नॉर्मल नहीं लग रहा, वहां थोड़ी-बहुत छानबीन कर लेने में कोई बुराई नहीं है.

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