जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी, NIA करेगी जांच
विवादों से घिरे इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की गिरफ्तारी की भारतीय कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है। इंटरपोल ने जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से साफ इनकार कर दिया है। इंटरपोल ने यह फैसला तकनीकी आधार पर लिया है। उसका कहना है कि जाकिर के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, इसलिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है।
वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का कहना है कि जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने का फैसला चार्जशीट दाखिल करने के पहले का था। इसके बारे में इंटरपोल को जानकारी दे दी गई थी। अब तकनीकी आधार पर इंटरपोल जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर रहा है, जिसके बाद अब एनआईए नए सिरे से इंटरपोल से संपर्क साधेगी। एनआईए जाकिर नाइक के खिलाफ जांच कर रही है।
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जाकिर नाइक आतंक फैलाने का लगा आरोप
जांच एजेंसी एनआईए ने जाकिर नाइक पर आतंक फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए हैं। जिसके तहत एजेंसी ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी, ताकि उसे गिरफ्तार कर जांच के लिए भारत लाया जा सके।
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जानिए आखिर कौन है जाकिर नाइक?
मूल रूप से मुंबई का रहने वाला जाकिर नाइक मुस्लिम धर्मगुरु, राइटर और स्पीकर है। वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) का संस्थापक और अध्यक्ष है। जाकिर के इस्लामिक फाउंडेशन को भारत और विदेशों से जकात के तौर पर भरपूर दान मिलता है। फेसबुक पर जाकिर के 1 करोड़ 14 लाख फॉलोअर हैं। नाइक पर यूके, कनाडा, मलेशिया समेत 5 देशों में बैन है।
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इस वजह से हो रही है जांच?
1 जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रेस्टोरेंट में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकी जाकिर नाइक के भाषणों से प्रेरित थे। इस आतंकी हमले के बाद से जाकिर और उसका एनजीओ विवादों में आ गया था। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर आरोप है कि वह विदेशों से मिले चंदे का इस्तेमाल धर्मांतरण कराने और आतंकवाद को फैलाने में करता है। यह बात भी सामने आई कि आईएसआईएस में शामिल होने गए मुंबई के चार छात्र भी जाकिर नाइक को फॉलो करते थे। आरोपों में घिरने के बाद गृह मंत्रालय ने उसके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पांच साल का बैन लगा दिया।