‘बाबा विश्वनाथ’ की आय में हुई रिकॉर्ड 191 प्रतिशत की वृद्धि
अत्याधुनिक काशी की नई तस्वीर को देखने जुट रहे देश दुनिया के श्रद्धालु
श्री काशी विश्वनाथ धाम में पिछले दो वर्ष के मुकाबले इस बार 191 प्रतिशत की बंपर वृद्धि हुई है. इसके पीछे का कारण अत्याधुनिक काशी की नई तस्वीर को देखने देश दुनिया के श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड तोड़ आना है. इसके चलते वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 की आय में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं वर्ष 2022 और 2023 में लगभग 13 करोड़ दर्शनार्थियों ने बाबा के दर पर माथा टेका और दाम दिया.
लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या
काशी का लगातार हुआ विकास, बाबा विश्वनाथ धाम का विस्तार और देश -दुनिया से वाराणसी की अच्छी कनेक्टिविटी के कारण यहां देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से ही श्रद्धालुओं का मंदिर में जन सैलाब उमड़ रहा है. दूसरी ओर इन पर्यटकों के कारण पर्यटन उद्योग के साथ-साथ मंदिर व गंगा से जुड़े अन्य व्यवसाय भी काफी तेजी से फल-फूल रहे हैं.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दी यह जानकारी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास में अभी तक का सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ा है. यह राशि 58.51 करोड़ रुपये से अधिक है. पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष की आय में लगभग 191 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. चढ़ावे में कई मूल्यवान वस्तुएं भी शामिल हैं. दूसरी ओर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दिव्य और भव्य होने के साथ ही काशी की कनेक्टिविटी पूरी दुनिया से अच्छी हुई है, जिससे दुनिया के हर कोने से काशी पहुंचना बेहद आसान हो गया है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 12 करोड़ 84लाख 57 हजार 314 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया . वर्ष 2022 में 7 करोड़ 11 लाख 47 हजार 210 और वर्ष 2023 में 5 करोड़ 73 लाख 10 हजार 104 शिव भक्तों ने आदि योगी का दर्शन किया.
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काशी विश्व के सामने विकास का मॉडल
तंग गलियों और गंदगी की अपनी पुरानी पहचान को मिटाती हुई काशी आज विश्व के सामने विकास के मॉडल के रूप में प्रस्तुत है. अत्याधुनिक काशी की नई तस्वीर को देखकर देश दुनिया के श्रद्धालु काशी की ओर खींचे चले आ रहे हैं. इससे वाराणसी के पर्यटन उद्योग में जबरदस्त उछाल आया है. होटल उद्योग, बनारस का ख़ास खानपान, ट्रैवल इंडस्ट्री, परिवहन, हस्तशिल्प कला, पूजन सामग्री, नाविक और घाट से जुड़े अन्य व्यवसाय के लोगों के जीवन स्तर में काफी बदलाव आ रहा है.