भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछली दो एमपीसी बैठकों में दर वृद्धि में ठहराव के पीछे के तर्क की व्याख्या करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत में प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज की कीमतों में गिरावट का प्रोसेस धीमा होने की संभावना है और 4 फीसदी के इंफ्लेशन टारगेट तक पहुंचने में थोड़ा समय लग सकता है. आरबीआई ने गवर्नर ने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने दो मीटिंग में पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, इसका मतलब ये है कि यह एक धूरी बन गया है, पैनल पिछले किए कामों के प्रभाव के आकलन कर रहा है.
किस तरह से देश में कम हुई महंगाई…
गवर्नर सेंट्रल बैंकिंग, लंदन, यूके द्वारा आयोजित समर मीटिंग में बात करते हुए कहा कि हाल के ठहराव को छोड़कर, आरबीआई ने महंगाई के खिलाफ लड़ाई में मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा किया है. एनएसओ ने सोमवार को रिटेल महंगाई के आंकड़ें जारी किए हैं. जिसमें रिटेल महंगाई मई में तेजी से घटकर 4.25 प्रतिशत हो गई, जो दो साल का निचला स्तर है. 2022 के मिड से आरबीआई ने लगातार मॉनेटरी पॉलिसी को सख्त किया है. जिसकी वजह से भारत में महंगाई में भारी गिरावट देखने को मिली है.
भारत की खुदरा महंगाई लगातार तीन तिमाहियों से आरबीआई के 6 फीसदी टारगेट से ऊपर थी और नवंबर 2022 में आंकड़ा 6 फीसदी से नीचे आया था. अगर लगातार तीन तिमाहियों में सीपीआई बेस्ड महंगाई लगातार तीन तिमाहियों तक 2-6 फीसदी की लिमिट से ज्यादा होता है तो आरबीआई आरबीआई को प्राइस हाइक मैनेज्मेंट में फेल माना जाता है.
इकोनॉमिक ग्रोथ पर दिया जोर…
दास ने कहा कि अगर कीमतों में स्थिरता नहीं है तो वित्तीय उथल-पुथल की संभावना अधिक होगी आरबीआई के पैनल ने महामारी के सालों दौरान इकोनॉमिक ग्रोथ को प्राथमिकता दी, भले ही महंगाई लक्ष्य से ऊपर रही. वित्त वर्ष 2021 में भारत की GDP 5.8 फीसदी थी, लेकिन वित्त वर्ष 2022 में यही ग्रोथ 9.1 फीसदी पर आ गई थी और वित्त वर्ष 2023 में इकोनॉमिक ग्रोथ 7.2 फीसदी देखने को मिली. दास ने कहा कि डेमोग्राफिक डिविडेंड की वजह से देश की आबादी और वर्कफोर्स में हर साल होने वाली बड़ी वृद्धि को देखते हुए हम विकास की चिंताओं से बेखबर नहीं रह सकते हैं.
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