स्टेशन पर भटकने वाले बच्चों का ख्याल रखेगा रेलवे
रेलवे (Railways) स्टेशन, प्लेटफॉर्म और रेलवे लाइन के किनारे अक्सर बच्चे घूमते हुए या कूड़ा उठाते हुए मिल जाते हैं। इनमें से कई बच्चे घर से भागकर यहां पहुंचते हैं तो कई अपने परिवार से बिछड़े हुए होते हैं। ऐसे बच्चों के गलत हाथ में पड़ने का खतरा बना रहता है।
जागरूकता मुहिम की शुरुआत की
इसलिए रेल प्रशासन इन बच्चों का विशेष तौर पर ख्याल रखेगा। उन्हें उनके परिवार के पास सकुशल पहुंचाने की कोशिश होगी। इसे लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के साथ मिलकर रेल प्रशासन ने बृहस्पतिवार को जागरूकता मुहिम शुरू की है।नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने एनसीपीसीआर की अध्यक्ष स्तुति कक्कर के साथ मिलकर जागरूकता मुहिम की शुरुआत की।
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उनका कहना है कि इस तरह के बच्चे ट्रेन में अकेला सफर करते हुए या रेलवे परिसर के आसपास देखे जाते हैं । इसलिए रेल प्रशासन को यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह गलत हाथों में न पड़ें। इसके लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है। इस बारे में रेल कर्मियों के साथ ही यात्रियों, विक्रेताओं , कुलियों व रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले अन्य लोगों को भी संवेदनशील बनने की जरूरत है।
परिसर में जागरूकता रैली भी निकाली गयी
लोहानी ने कहा कि रेलवे के संपर्क में आने वाले बच्चों की देखभाल व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 88 रेलवे स्टेशनों पर मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को सफलता पूर्वक लागू किया गया है। इसे बढ़ाकर 174 स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। गैर सरकारी संगठनों से जुड़े बच्चों ने नाटक के जरिये लोगों को जागरूक किया। परिसर में जागरूकता रैली भी निकाली गयी। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेष चौबे, दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक आरएन सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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