रेलमंत्री ने कहा, ना सिमरन ना… चलती ट्रेन में भाग कर नहीं चढ़ना

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भारत में चलती ट्रेन में चढ़ने से होने वाली दुर्घटनाएं बेहद आम हैं। इसके चलते जान जाने के साथ ही लोग स्‍थायी अपंगता के शि‍कार भी हो जाते हैं। रेलवे ने अब इसको लेकर लोगों को आगाह करने के लि‍ए दि‍लचस्‍प तरीका अपनाया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सुपरहि‍ट फि‍ल्‍म ‘दि‍लवाले दुल्‍हनि‍यां ले जाएंगे’ के एक दृश्‍य को याद करते हुए यात्रि‍यों से ऐसा न करने की अपील की है।

फोटो ट्वीट कर लोगों को दुर्घटनाओं के प्रति आगाह कि‍या

फि‍ल्‍म के इस आखि‍री सीन में सि‍मरन (काजोल) चलती ट्रेन में सवार होती हैं। उन्‍हें सहारा देने के लि‍ए राज (शाहरुख खान) अपना हाथ बढ़ाते हैं। रेल मंत्री ने फि‍ल्‍म के बेहद लोकप्रि‍य सीन का फोटो ट्वीट कर लोगों को दुर्घटनाओं के प्रति आगाह कि‍या है। इसके अलावा मंत्री ने रेल पटरि‍यों पर शौच कर उसे गंदा न करने का भी अनुरोध कि‍या है। उन्‍होंने इसको लेकर भी एक फोटो ट्वीट कि‍या है।

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चलती ट्रेन में चढ़ने से हर साल होती हैं तमाम मौतें

भारत में हर साल रेल दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। पटरी पार करने और चलती ट्रेन में चढ़ने के कारण भी बड़ी संख्‍या में दुर्घटनाएं होती हैं। भारतीय रेल इसको लेकर यात्रि‍यों को आगाह करता रहता है। इसके बावजूद लोग जल्‍दीबाजी में ऐसी असावधानी कर जाते हैं। पीयूष गोयल ने फि‍ल्‍मी कैरेक्‍टर को याद करते हुए ट्वीट कि‍या, ‘दुर्घटना से देर भली…चलती ट्रेन में कभी न चढ़ें।’

रेलमंत्री ने अनोखे अंदाज में ट्वीट कर लोगों से की अपील

पीयूष गोयल ने अपने एक और ट्वीट में ‘दि‍लवाले दुल्‍हनि‍यां ले जाएंगे’ फि‍ल्‍म का सहारा लि‍या है। इसमें उन्‍होंने फि‍ल्‍म के एक गाने का उल्‍लेख करते हुए लि‍खा, ‘हर उत्‍सव में आपको आपके परि‍वार तक पहुंचा कर खुशि‍यों को कई गुना बढ़ाने वाली भारतीय रेल।’ इसके अलावा रेल पटरि‍यों पर शौच न करने के प्रति‍ भी लोगों को जागरूक कि‍या है। रेल मंत्री ने लि‍खा, ‘पटरि‍यां रेल के लि‍ए हैं, शौच के लि‍ए नहीं। पटरि‍यों पर ऐसा करना गंदगी और बीमारी दोनों को आमंत्रण देना है।’ मालूम हो कि‍ लोगों को पटरि‍यों पर शौच करने से रोकने के लि‍ए व्‍यापक पैमाने पर जागरूकता अभि‍यान चलाया जाता है। धीरे-धीरे अब इसका असर दि‍खने लगा है।

पिछले साल हुईं इतनी मौतें

वर्ष 2016-17 में देश के वि‍भि‍न्‍न हि‍स्‍सों में हुई ट्रेन दुर्घटनाओं में 193 लोगों की मौत हो गई थी। यह एक दशक में सबसे ज्‍यादा है। वर्ष 2014-15 में यह संख्‍या 104 थी। यह स्‍थि‍ति‍ तब है जब इस वि‍त्‍त वर्ष में 10 से भी ज्‍यादा वर्षों में ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्‍या सबसे कम रही। पि‍छले एक दशक में 1,394 रेल दुर्घटनाएं हुईं। इनमें से 51 फीसद दुर्घटनाएं ट्रेनों के बेपटरी होने से हुईं। दुर्घटनाओं में कुल 458 लोगों की मौत हो गई।

(साभार- जनसत्ता)

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