नौकरी के लिए सालों से भटक रहें रेल अपरेंटिस… सीसीएए ने लिखा रेल मंत्रालय को पत्र

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भारतीय रेलवे हर साल रेल अपरेंटिस की भर्ती निकालता है। हर साल करीब हजारों अभ्यर्थी रेल अपरेंटिस बनकर दो साल तक कड़ी ट्रेनिंग करते हैं। इसके बाद रेलवे ने इन ट्रेन्ड अपरेंटिस को नौकरी देता है। रेलवे में रेल अपरेंटिस के लिए केवल 20 फीसदी ही रिजर्व सीट रखी गई हैं। जिसके चलते आज लाखों की संख्या में रेल अपरेंटिस नौकरी के लिए भटक रहे हैं। रेल अपरेंटिस रेलवे से अपना अधिकार मांगते हुए 20  फीसदी की जगह 100 फीसदी सीट रिजर्व करनी मांग कर रहे हैं। इसी के तहत सीसीएए ने सीधी भर्ती के लिए डीओपीटी दिशानिर्देशों के अनुसार रेलवे को पत्र लिखकर एकमुश्त समाधान की मांग की है।

रेल अपरेंटिस मांग रहें नौकरी

बता दें, रेल अपरेंटिस द्वारा 100 फीसदी नौकरी की मांग तब उठी, जब रेलवे ने 2 जुलाई 2023 को रेल अपरेंटिस पदों पर ऑनलाइन आवेदन की घोषणा की। इसमें पश्चिम रेलवे ने अपरेंटिस पदों के लिए 3624 व आईआरसीटीसी ने अपरेंटिस ट्रेनी के पदों पर 25 रिक्तियों को भरने की घोषणा की है। इन दोनों पदों पर क्रमानुसार अपरेंटिस पदों के लिए 26 जुलाई और अपरेंटिस ट्रेनी पदों के लिए 29 जुलाई से आवेदन शुरू हो जाएँगे। रेलवे की इस भर्ती घोषणा के बाद बेरोजगार रेल अपरेंटिस ट्रेनियों ने सोशल मीडिया पर नौकरी मांगने की कवायद छेड़ दी है।

100 फीसदी सीट रिजर्व करने की मांग

गौरतलब है कि रेलवे ने लगभग हर साल ट्रेन्ड होकर निकलने वाले रेल अपरेंटिसों के लिए भर्ती निकालता है। लेकिन इनमें रेल अपरेंटिस की भर्ती केवल 20 फीसदी ही रिजर्व रखता है। जिससे रेल अपरेंटिस ट्रेनिंग पूरी होते ही बेरोजगार हो जाते हैं। ऐसे में केवल कुछ ही रेल अपरेंटिसों को नौकरी मिलती है। जबकि लाखों रेल अपरेंटिस साल भर मेहनत के बाद केवल सर्फिकेट लेकर ही बैठे रह जाते हैं।

सीसीएए ने लिखा रेल मंत्रालय को पत्र

रेल अपरेंटिसों के लिए कोर्स कम्प्लीटेड एक्ट अपरेंटिस (सीसीएए) ने सीधी भर्ती के लिए डीओपीटी दिशानिर्देशों के अनुसार रेलवे से एकमुश्त समाधान की मांग की है। इसके तहत सीसीएए ने रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर रेल अपरेंटिसों के लिए 20 फीसदी की जगह 100 फीसदी अपरेंटिसों को नौकरी देने की मांग की है। इस पत्र में सीसीएए ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कहा है कि हर साल  रेल अपेरंटिस ट्रेनिंग लेने के बाद भी सालों तक बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। जबकि रेल अपरेंटिस रेलवे स्किल्ड का अभिन्न हिस्सा है। इसके बाद भी रेल अपरेंटिस के लिए केवल 20 फीसदी सीट ही रिजर्व है, जो कि अन्याय है।

रेल अप्रेंटिस की कैसे होती है नियुक्ति

रेलवे में रेल अपरेंटिस के लिए स्थानापन्न व्यक्ति अस्थायी नियुक्तियाँ हैं। जिन्हें किसी भी अत्यावश्यकताओं और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। जबकि ऐसी नियुक्तियों को अस्थायी रेलवे सेवकों के कारण लाभ दिया जाता है, वे उचित प्रक्रिया से गुजरने के बिना स्थायी रोजगार में शामिल होने के हकदार नहीं हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षु के लिए प्रारंभिक मूल वेतन 35,000 रुपये है। भत्तों को मिलाकर कुल इन-हैण्ड सैलरी लगभग 50,000 रुपये होता है।

रेल अपरेंटिसशिप का अर्थ

अप्रेंटिसशिप का मतलब ‘प्रशिक्षु’ होता है। साधारण भाषा में कहा जाए, तो अप्रेंटिस में उम्मीदवार को कार्य से सम्बंधित शिक्षा या ट्रेनिंग दिया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान पॉकेट खर्च के लिए कुछ पैसा स्टीपेंड के रूप में दिया जाता। अप्रेंटिस की अवधि पूरी होने के बाद योग्यता के अनुसार उम्मीदवार को रोजगार दिया जाता है। रेलवे में ट्रेनिंग करने वाले अपरेंटिस के पूरी प्रक्रिया को रेल अपरेंटिसशिप कहा जाता है।

रेल अपरेंटिसशिप की अवधि

अप्रेंटिसशिप एक प्रकार की दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली है, जिसमे प्रशिक्षु औद्योगिक पर्यवेक्षण में रहकर ऑन-जॉब-ट्रेनिंग (OJT) और इससे सम्बंधित दिशा-निर्देश दोनों का ज्ञान प्राप्त करता है। इसके माध्यम से प्रशिक्षु कुशल व्यवसाय के व्यावहारिक और सैद्धांतिक पहलुओं को सीखते हैं। यह औद्योगिक प्रशिक्षण 1 से 2 साल का होता है।

रेल अपरेंटिक्स के 7 लेवल

अपेंडिक्स दो तरह का होता है। एक एक्यूट अपेंडिसाइटिस और दूसरा क्रोनिक अपेंडिसाइटिस। अप्रेंटिस करने के बाद आप अपनी आगे की पढाई जारी रख सकते हैं जैसे की आप आईटीआई के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कर सकते हैं। रेल अपरेंटिस को सात लेवल में रखा जाता है।

  1. लेवल 1 – इस स्तर में अध्ययन कार्यक्रम और प्रशिक्षुता शामिल हैं । इसका लक्ष्य ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अभी-अभी स्कूल छोड़ा है और अपने पसंदीदा क्षेत्र के बारे में कुछ ज्ञान और कुछ व्यावहारिक अनुभव की तलाश में हैं।
  2. लेवल 2 की शिक्षुता को अक्सर मध्यवर्ती स्तर की शिक्षुता के रूप में जाना जाता है। लेवल 2 को आम तौर पर समकक्ष या 5 जीसीएसई पास माना जाता है। चूँकि यह उपलब्ध शिक्षुता का निम्नतम स्तर है। आवेदन के लिए आमतौर पर कोई पात्रता मानदंड नहीं है।
  3. लेवल 3 अप्रेंटिसशिप को उन्नत अप्रेंटिसशिप के रूप में भी जाना जाता है और आम तौर पर इसे दो ए लेवल पास के बराबर माना जाता है। यदि आप आगे योग्यता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप उच्च और डिग्री प्रशिक्षुता पूरी कर सकते हैं।
  4. लेवल 4 अप्रेंटिसशिप एक फाउंडेशन डिग्री के बराबर है। स्वीकार किए जाने के लिए आपके पास स्तर 3 की योग्यता होनी चाहिए, जैसे कि ए-स्तर, या एक उन्नत शिक्षुता पूरी की हो। उच्च शिक्षुता पूरी करने के बाद आपके विकल्पों में शामिल हैं: विश्वविद्यालय में डिग्री के लिए अध्ययन करना ।17-Oct-2016
  5. लेवल 5 अप्रेंटिसशिप एक प्रकार की उच्च अप्रेंटिसशिप है जो एक नियोक्ता के साथ कार्य अनुभव और लेवल 5 योग्यता को जोड़ती है। वे एक शानदार अवसर हैं जहां आपको योग्यता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन का भुगतान किया जाएगा और आपके सीवी में जोड़ने के लिए बहुत सारा अनुभव मिलेगा!
  6. लेवल 6 (उच्च) शिक्षुता एक नियोक्ता के लिए एक योग्यता के साथ काम करना जोड़ती है जो स्नातक की डिग्री के अंतिम वर्ष के बराबर है – सभी भुगतान करते समय!
  7. लेवल 7 शिक्षुता क्या है? लेवल 7 मास्टर डिग्री के समकक्ष है। चूँकि यह उच्चतम स्तर की प्रशिक्षुता है, इसलिए इसमें कुछ प्रवेश आवश्यकताएँ भी हो सकती हैं। फिर, ये नियोक्ता या प्रदाता द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, लेकिन इनमें स्तर 4 या 5 प्रशिक्षुता या समकक्ष योग्यता अपरेंटिस भी शामिल हो सकते हैं।

 

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