कांग्रेस में आज से राहुल गांधी युग

राहुल गांधी औपचारिक तौर पर आज कांग्रेस के अध्‍यक्ष बन जाएंगे। 24 अकबर रोड स्थित पार्टी के मुख्‍यालय में राहुल की ताजपोशी का कार्यक्रम होगा। करीब सवा घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में राहुल के पार्टी के नए अध्‍यक्ष होने का आपैचारिक ऐलान किया जाएगा। इस ताजपोशी कार्यक्रम में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह भाषण देंगे।

सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया

इनके बाद राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालते हुए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। राहुल को पार्टी का अध्‍यक्ष बनाए जाने को लेकर पार्टी के दफ्तर में जश्‍न का माहौल है। कार्यक्रम में तय समयानुसार, सुबह 11 बजे राहुल को पार्टी अध्‍यक्ष होने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस मुख्‍यालय में पार्टी अध्‍यक्ष की नेम प्‍लेट बदल जाएगी। राहुल की ताजपोशी से पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी चहेते नेता है और पार्टी की महान विरासत को आगे बढ़ाएंगे।उल्‍लेखनीय है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया।

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उनके संसद परिसर में पहुंचने पर मीडिया द्वारा राहुल गांधी के कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर जब सवाल किया गया तो सोनिया गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि अब उनका रोल खत्म हो चुका है। उन्होंने आगे कहा, ”मैं रिटायर हो जाऊंगी’।1991 में अपने पति राजीव गांधी की हत्या के बाद, सोनिया ने पार्टी की कमान संभालने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद पी.वी. नरसिंह राव को चुना गया। जो बाद में देश के प्रधानमंत्री भी रहे।

विरोध में किसी ने पर्चा दाखिल नहीं किया था

1996 में कांग्रेस चुनाव हार गई और माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट, नारायण दत्त तिवारी, अर्जुन सिंह, पी चिदंबरम और जयंती नटराजन जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सीताराम केसरी के खिलाफ खुलेआम विद्रोह कर दिया। इसके बाद, पार्टी को पुनर्जीवित करने का प्रयास करते हुए, सोनिया गांधी को 1997 में कलकत्ता पूर्ण सत्र में कांग्रेस में शामिल किया गया और 1998 में उन्हें पार्टी प्रमुख बनाया गया। सोनिया गांधी 19 सालों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। गौरतलब है कि, 12 दिसंबर को राहुल गांधी कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष निर्वाचित हुए हैं। उनके पक्ष में 89 नामांकन दाखिल किए गए थे। वह अपनी पार्टी के एकमात्र प्रत्‍याशी थे। उनके विरोध में किसी ने पर्चा दाखिल नहीं किया था।

(साभार- जी न्यूज)

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