गालिब बन गये राहुल, बोले खुश रहने को ख्याल अच्छा
मिर्जा गालिब बन गये राहुल गांधी। जी हां चौकिये नहीं राहुल अब शायर नहीं बन रहे बल्कि अरुण जेटली पर निशाना साधा है। राहुल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि खुश रहने के लिए ख्याल अच्छा है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का सोशल मीडिया वार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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ख़ुद को खुश रखने के लिए “डा जेटली ये ख्याल अच्छा है
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत की पोजिशन में जबर्दस्त सुधार को लेकर राहुल गांधी ने अरुण जेटली पर तंज कसा है। राहुल ने बुधवार को ट्वीट किया- खुद को खुश रखने को “डा जेटली” ख्याल अच्छा है। बता दें कि जेटली ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारत की इस तरक्की के बारे में जानकारी दी थी। राहुल ने क्या लिखा ट्वीट में?राहुल ने लिखा- सबको मालूम है “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की हकीकत, लेकिन ख़ुद को खुश रखने के लिए “डा जेटली ये ख्याल अच्छा है।
यह सुधरी हुई रैंकिंग उसी का नतीजा है
जेटली ने मंगलवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वर्ल्ड बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 30 पायदान उछलकर सौंवें स्थान पर आ गया है। इस कैटेगिरी में इंडिया सबसे ज्यादा इम्प्रूवमेंट करने वाला देश है। रिफॉर्म्स टू क्रिएट जॉब्स’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत अकेला देश है, जिसने स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स किए। इस रिपोर्ट पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि टीम इंडिया की तरफ से मल्टी सेक्टरल रिफॉर्म्स में जो तेजी लाई गई है, यह सुधरी हुई रैंकिंग उसी का नतीजा है।
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देश की इकोनॉमी को बड़े फायदे मिलेंगे
रिपोर्ट में रैंकिंग में उछाल की वजह टैक्सेशन रिफॉर्म्स, लाइसेंसिंग, इन्वेस्टर्स प्रोटेक्शन और बैंकरप्सी रिजोल्यूशंस को बताया गया। लिस्ट में भारत की पोजिशन पिछले साल एक सौ तीसवें थी और उससे पहले एकसौ बयालीसवें थी। सरकार ने कहा था कि इकोनॉमी के फंडामेंटल्स स्ट्रॉन्ग हैं। साथ ही नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के फैसले से मंदी आने के आरोप निराधार हैं। सरकार का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों से देश की इकोनॉमी को बड़े फायदे मिलेंगे।
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बिजनेस क्लाइमेट के बारे में इस रिपोर्ट से पता चलता है
साउथ एशिया की वाइस प्रेसिडेंट एनी डिक्सन ने कहा, “भारत की ये परफॉर्मेंस केवल एक साल के दौरान की गई कोशिशों का नतीजा नहीं है, बल्कि ये पिछले तीन साल के दौरान लगातार की जा रही कोशिशों का परिणाम है।” वर्ल्ड बैंक का डूइंग बिजनेस प्रोजेक्ट 190 देशों में बिजनेस नियमों में किए गए सुधारों को दर्शाता है। अकैडमिक्स, जर्नलिस्ट, प्राइवेट सेक्टर रिसर्चर्स और दूसरों को हर देश के बिजनेस क्लाइमेट के बारे में इस रिपोर्ट से पता चलता है।
भारत को ज्यादा बेहतर रैंक पर आएगा
पहली डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2003 में जारी की गई थी, इसमें 5 इंडीकेटर्स थे और 133 देशों की इकोनॉमी को शामिल किया गया था। इस साल 11 इंडीकेटर्स और 190 इकोनॉमीज को कवर किया गया है। अगले साल भारत के आम चुनावों से कुछ महीनों पहले वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट आएगी। ऑफिशियल्स का मानना है कि सरकार के स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स खासतौर से जीएसटी की बदौलत भारत को ज्यादा बेहतर रैंक पर आएगा।
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