क्या प्रशांत किशोर की सलाह पर निकली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’, जानें सच्चाई

0

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को एकजुट करने और पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए बुधवार (7 सितंबर) से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू कर दी है. यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर में समाप्त होगी. 150 दिनों तक चलने वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ देश के 12 राज्यों से होते हुए गुजरेगी और 3,500 किमी की दूरी तय करेगी. यह यात्रा 5 महीनों तक चलेगी. यह पदयात्रा दो बैचों सुबह 07:00 से 10:00 बजे और दोपहर 03:30 से शाम 07:00 बजे तक चलेगी.

अब खबर है कि कांग्रेस ने इस यात्रा का फैसला चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की बात को मानकर किया है. हालांकि, पार्टी और किशोर दोनों की तरफ से इसे लेकर कुछ नहीं कहा गया है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर के दौरान भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र किया था. अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह माना जा रहा है कि किशोर की तरफ से कांग्रेस को दिए गए उपायों में पदयात्रा की बात भी शामिल थी.

इससे पहले अप्रैल में प्रशांत किशोर के कांग्रेस के साथ जुड़ने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि, चर्चाओं पर खुद रणनीतिकार ने ही विराम लगा दिया था. उस दौरान सोशल मीडिया पर 85 पन्नों की एक प्रेजेंटेशन चल रही थी. हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में किशोर ने इसे ‘पुरानी/नकली प्रेजेंटेशन’ बताया था और कहा था ‘इसका जारी चर्चा से कोई लेना देना नहीं है.’ रिपोर्ट के अनुसार, प्रेजेंटेशन में कहा गया था कि पार्टी ने साल 2014 से राष्ट्रीय स्तर पर कोई आंदोलन या विरोध प्रदर्शन नहीं किया है, जो 24 घंटे से ज्यादा टिका हो. आखिरी बार दिवंगत राजीव गांधी ने साल 1990 में भारत यात्रा का आयोजन किया था.

खास बात है कि जून में जब नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब राहुल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था तो कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं ने दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद सोनिया गांधी से पूछताछ के दौरान भी यही नजारा देखने को मिला.

वहीं, स्वतंत्रता दिवस के दौरान कांग्रेस पार्टी ने आजादी गौरव यात्रा निकाली थी. इससे पहले पार्टी ने बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. उस दौरान राहुल, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई बड़े नेता काले कपड़ों में नजर आए थे.

क्यों चुना यात्रा का रास्ता…

ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस को लगता है कि यात्राएं राजनीतिक दलों के लिए मददगार होती हैं. उदाहरण में महात्मा गांधी की दांडी मार्च, पूर्व पीएम चंद्रशेखर की कन्याकुमारी से राजघाट तक पदयात्रा, पूर्व पीएम राजीव गांधी की 1990 में भारत यात्रा, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा और साल 2017 में आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की पदयात्रा शामिल हैं.

प्रशांत किशोर ने दी थी ये सलाह…

खबर है कि कांग्रेस को किशोर की तरफ से कुछ सलाह दी गई थीं. कहा गया था कि पार्टी को नेतृत्व संकट को खत्म करना होगा. साथ ही गठबंधन के मुद्दे को भी हल करने की जरूरत होगी. इसके अलावा पार्टी को अपने पुराने आदर्शों पर लौटना होगा. चुनावी रणनीतिकार ने सलाह दी थी कि पार्टी को जमीनी स्तर पर अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को लामबंद करना होगा और संचार व्यवस्था में भी सुधार करने होंगे.

Also Read: भारत जोड़ो यात्रा: देश के 12 राज्य, 3,570 किमी की दूरी, दो बैचों में भ्रमण, जानें क्या है राहुल गांधी की व्यवस्था

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More