लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को एकजुट करने और पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए बुधवार से राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू कर दी है. राहुल गांधी का सफर मुश्किल भरा रहने वाला है. यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर में समाप्त होगी. 150 दिनों तक चलने वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ देश के 12 राज्यों से होते हुए गुजरेगी और 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यह यात्रा 5 महीनों तक चलेगी. यह पदयात्रा दो बैचों सुबह 07:00 से 10:00 बजे और दोपहर 03:30 से शाम 07:00 बजे तक चलेगी.
7 सितंबर को शुरू ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सुबह के सत्र में कम संख्या में प्रतिभागी शामिल होंगे, वहीं शाम के सत्र में सामूहिक लामबंदी होगी. औसतन रोजाना लगभग 22-23 किमी चलने की योजना है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए कांग्रेस किसी तरह के कोई बाहरी लोगों को शामिल नहीं कर रही है. कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में अधिकतर लोग कन्याकुमारी से ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो जाएंगे. 5 महीने चलने वाली इस यात्रा में जाने वाले सभी नेताओं को बताया गया है कि कपड़े धोने की सुविधा 3 दिन में एक बार ही मिल पाएगी.
देश को एकता के सूत्र में पिरोने की ऐतिहासिक मुहिम…#BharatJodoYatra– a mass awakening initiative for the progress of the nation. Let’s walk together to unite India..#भारत_जोड़ो_यात्राpic.twitter.com/lYVRYIwvTB
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) September 7, 2022
बताते चलें कि राहुल गांधी अगले 150 दिनों तक कंटेनर में सोने वाले हैं जोकि चलता-फिरता होगा. सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी एक अलग कंटेनर में सोएंगे, वो किसी होटल में नहीं रुकेंगे. बाकी अधिकतर कंटेनरों में 12 लोग सो सकते हैं. टेंट में पार्टी नेताओं के साथ खाना खाएंगे और यह खाना सभी नेता मिलकर ही बनाएंगे और आसपास ही रहेंगे. हालांकि, कुछ जगहों पर राज्य कांग्रेस की इकाइयां भी यात्रा में शामिल कांग्रेस नेताओं के लिए खाने-पीने का इंतजाम करेंगी.
वहीं, कुछ कंटेनरों में स्लीपिंग बेड, शौचालय और एयर-कंडीशनर भी लगाए गए हैं. यात्रा के दौरान कई क्षेत्रों में तापमान और वातावरण में अंतर होगा. स्थान परिवर्तन के साथ भीषण गर्मी और उमस को देखते हुए व्यवस्था की गई है. लगभग 60 ऐसे कंटेनर तैयार किए गए हैं, जहां एक गांव स्थापित किया गया है. रात्रि विश्राम के लिए कंटेनर को गांव के आकार में प्रतिदिन नई जगह पर खड़ा किया जाएगा. राहुल गांधी के साथ रहने वाले पूर्णकालिक यात्री एक साथ भोजन करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को आम लोगों से जुड़ने का जरिया मानते हैं. इसलिए वह इस पूरी यात्रा को चकाचौंध और ग्लैमर से दूर एक सरल तरीके से पूरा करना चाहते हैं. राहुल गांधी इसे एक यात्रा कहते हैं लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे 2024 की तैयारी मानते हैं. कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण, राजनीतिक केंद्रीकरण की समस्याओं और विचारधाराओं की लड़ाई के रूप में यह रैली कर रहे हैं.
बता दें कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं. इस यात्रा की अगुवाई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कर रहे हैं, जबकि उनके साथ पार्टी के 117 नेता भी यात्रा में शामिल होंगे. कांग्रेस के इन नेताओं में 28 महिलाएं भी हैं. महिलाओं को ठहरने और सोने के लिए अलग से कंटेनर बने हैं. कांग्रेस नेताओं के अलावा सिविल सोसायटी से जुड़े हुए लोग, सुरक्षाकर्मी, पार्टी की कम्युनिकेशन टीम के सदस्य जिनमें फोटोग्राफर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म संभालने वाले लोग और साथ ही मेडिकल टीम के लोग भी यात्रा में शामिल होंगे. इस तरह से सभी को मिलाकर यह संख्या 300 तक हो रही है.
कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए टाइटल सॉन्ग बना रखा है, जो पूरे यात्रा के दौरान बजता रहेगा. इस टाइटल सॉन्ग को मंगलवार को तमिल में जारी किया गया जबकि 11 सितंबर को मलयालम में और 30 सितंबर को कन्नड़ में जारी किया जाएगा. इस तरह जब यह यात्रा किसी राज्य में पहुंचेगी तो यह टाइटल सॉन्ग उस राज्य की स्थानीय भाषा में जारी होता रहेगा और बजता रहेगा.
राहुल गांधी महात्मा गांधी मंडपम पर भी जाएंगे जहां तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल उन्हें भारत का झंडा सौंपेंगे. यह झंडा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान आगे लेकर पार्टी नेता लेकर चलेंगे. इसके अलावा बाकी कुछ नेता भी अपने हाथों में तिरंगा लेकर चलेंगे.