चौंकाने वाला दावा : प्रदूषण से छोटा हो रहा पुरुषों का प्राइवेट पार्ट…
बढ़ते प्रदूषण के चलते पुरुषों का प्राइवेट पार्ट छोटा हो रहा है। एक वैज्ञानिक ने ऐसा दावा किया है। इस दावे को सुनकर हर कोई हैरान है।
न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई हॉस्पिटल में प्रफेसर डॉ शन्ना स्वान ने अपनी रिसर्च के आधार पर एक किताब लिखी है।
उनका दावा है कि मानवता के आगे बांझपन का संकट पैदा हो सकता है क्योंकि प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाला एक केमिकल ‘फैथेलेट्स’ एंडोक्राइन सिस्टम पर असर करता है।
एंडोक्राइन सिस्टम ही हार्मोन्स बनाता है। प्रफेसर स्वान के अनुसार, बड़ी संख्या में छोटे लिंग वाले बच्चे पैदा हो रहे हैं।
प्लास्टिक बनाने में यूज होता है ये केमिकल
डॉ स्वान की किताब पीर-रिव्यूड रिसर्च पर आधारित है। ‘काउंटडाउन’ नाम की किताब में उन्होंने लिखा है कि फैथेलेट्स का इस्तेमाल प्लास्टिक को और फ्लेक्सिबल बनाने में होता है।
उनके मुताबिक, यह खिलौनों और खाने में ट्रांसमिट हो रहा है और अंत में मानव विकास को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने चूहों में पाए जाने वाले फैथेलेट्स सिंड्रोम से रिसर्च शुरू की।
पता चला कि जो भ्रूण इस केमिकल के संपर्क में आते थे, वे छोटे जननांगों के साथ पैदा होते थे।
उन्होंने यह भी पाया कि जिन इंसानी बच्चों का गर्भ में इस केमिकल से संपर्क हुआ, उनका लिंग भी छोटा था।