बनारस से चुनावी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रिकार्ड जीत की उम्मीद

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वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान काशी पहुंचे तब के बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने बनारस से चुनावी घमासान में हिस्सा लिया था. तब उन्होंने कहा था कि उन्हें मां गंगा ने बुलाया है. वर्तमान समय में 10 साल से बनारस के सांसद पीएम मोदी ने यहां एक एसा किला बना लिया है जिसको ध्वस्त करना नामुमकिन सा है. वहीं बुधवार को शहर पहुंचे सीएम योगी ने काशीवासियों से अपील की है कि वह पीएम मोदी को रिकार्ड अंतर से जीत दिलाएं ताकि पूरे देशवासियों को काशी के लोगों पर गर्व हो.

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बनारस में दिखेगी कांटे की टक्कर ?

लोकसभा चुनाव 2024 के 7वें चरण यानि 1 जून को बनारस में मतदान होने हैं. पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को उम्मीदवार बनाया है. बनारस के स्थानीय नेता के तौर पर वह काशीवासियों में लोकप्रिय जरूर हैं लेकिन मौजूदा स्थिति में वह राष्ट्रीय स्तर की राजनीति से काफी दूर है. 2014, 2019 के चुनावों में भी वह बनारस से चुनाव लड़ चुके हैं. दूसरी ओर पीएम मोदी की लोकप्रियता में कोई गिरावट नहीं दिख रही है. विपक्ष की ओर से यहां कोई भी बड़ा नेता नहीं उतारा गया है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी आदि विपक्ष के कद्दावर व राष्ट्रीय नेता पीएम मोदी को कांटे की टक्कर दे सकते थे. हालांकि विपक्ष ने अजय राय को वापस से उम्मीदवार बनाना उचित समझा है.

2014 में केजरीवाल ने टक्कर देने का किया था प्रयास


शराब घोटाले मामले में ईडी की कस्टडी में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने साल 2014 में मोदी के खिलाफ काशी से चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव 2014 के समय केजरीवाल ने तबके गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुली चुनौती दी थी कि गुजरात के अलावा वह देश के जिस सीट से भी चुनाव लड़ेंगे उनके खिलाफ केजरीवाल भी चुनाव में उतरेंगे. उस समय बीजेपी हाईकमान ने चुनावी जोखिम न लेते हुए मोदी को दो सीटों से चुनावी मैदान में उतारा था. वह काशी के अलावा बड़ोदरा शहर से भी चुनाव लड़े थे. हालांकि केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने में नाकामयाब साबित हुए थे. मोदी बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
वहीं साल 2019 की बात करें तो कांग्रेस में एसी चर्चाएं आम थी कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से महासचिव प्रियंका गांधी अपने पहले आम चुनाव में बनारस से लड़ सकती हैं. हालांकि उस समय उनका बनारस में हुआ रोड शो ने कुछ खास माहौल नहीं बनाया जिसके कारण पार्टी ने प्रियंका गांधी की जगह स्थानीय नेता अजय राय को चुनाव में उतारा. वहीं सपा-बसपा के गठबंधन की ओर से शालिनी यादव ने चुनाव लड़ा था. दोनों ही उम्मीदवारों का निराशाजनक प्रदर्शन रहा.

केजरीवाल को 3,71,784 वोटों के अंतर से हराया


नरेंद्र मोदी पहली बार लोकसभा चुनावों में साल 2014 के आम चुनाव में उतरे थे. नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों के भारी अंतर से हराया था. तब नरेंद्र मोदी ने को 5,81,022 वोट मिले थे जबकि अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट. तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय को महज 75,614 वोट ही मिले थे.

2019 में भी रिकार्ड अंतर से जीता चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019 चुनाव जीतने के बाद भाजपा मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी और तबके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह

 

2019 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार काशी से अपना चुनावी बिगुल फूंका. वहीं इस बार उन्होंने 2014 के मुकाबले और बड़ी जीत दर्ज की. पीएम मोदी ने सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 वोटों हराया था. नरेंद्र मोदी को 6,74,664 जबकि सपा उम्मीदवार को 1,95,159 वोट मिले थे जबकि तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय को 1,52,548 वोट मिले.

काशी का 2024 का चुनावी समीकरण

वाराणसी में वोट डालने वाले लोगों की बात करें तो इस संसदीय क्षेत्र में कुल 18,56,791 मतदाता है. इनमें पुरुष मतदाता 8,29,560 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 10,27,113 है, वहीं थर्ड जेंडर वोटर्स की संख्या 118 है. वहीं जाति समीकरण की बात करें तो वाराणसी सीट ब्राह्मण-भूमिहार बाहुल्य है. यहां तीन लाख ब्राह्मण, डेढ़ लाख भूमिहार, 2 लाख से ज्यादा कुर्मी, 2 लाख से ज्यादा वैश्य, 3 लाख से ज्यादा गैर यादव ओबीसी, एक लाख से ज्यादा अनुसूचित जाति, तीन लाख मुस्लिम और एक लाख यादव वोटर्स हैं.

1990 से है भाजपा का गढ़

पीएम नरेंन्द्र मोदी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी

काशी शहर राम मंदिर मूवमेंट के दौर से ही भाजपा का गढ़ बना हुआ है. आम चुनाव 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार चार बार भाजपा ने इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा. हालांकि 2004 में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्र वाराणसी के सांसद बने. इसके बाद 2009 में भाजपा की ओर से मुरली मनोहर जोशी, काशी से सांसद बने थे. उन्होंने बसपा के उम्मीदवार मुख्तार अंसारी पर आंशिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. साल 2014 के आम चुनाव में मुरली मनोहर जोशी की जगह नरेन्द्र मोदी को यहां से उम्मीदवार बनाया गया. इसके बाद 2014 और 2019 में नरेद्र मोदी यहां से सांसद बने हुए हैं.

काशी में हो रहा है विकास

बनारस में फ्लाईओवर का निरीक्षण करते पीएम मोदी और सीएम योगी

 

साल 2014 में लोकसभा में बीजेपी ने नारा दिया था कि सबका साथ-सबका विकास. भाजपा की स्थानीय नेताओं के अनुसार पीएम मोदी ने सांसद बनने के बाद से ही शहर की पूरी तरह से कायापलट कर दी गई है. बनारस की सड़के हाइवे और घाटों पर लगातार निर्माणकार्य कराए जा रहे हैं. वहीं शहर समेत आसपास के इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी 24 घंटे कर दी गयी है. अधिकतर काशीवासी इस विकास से खुश नजर आते हैं हालांकि कुछ लोग काशी की पुरानी पहचान को समाप्त करने की बात करते हैं. उनका कहना है कि काशी की मूल्य सभ्यता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दुनिया के सबसे पुराने शहर को बेवजह चकाचौंध किया जा रहा है.

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