राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने गांव पहुंचते ही, माथे पर लगाई मातृभूमि की मिट्टी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव के दौरे पर है।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर देहात में अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। जहां उन्होंने एक जनसभा में कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है. इसीलिए हेलीकॉप्टर से उतरकर अपनी धरती को चरण स्पर्श किया। उन्होंने कहा कि इस बार आने में जितना देर हुई, कोशिश होगी कि अगली बार इतना न हो।

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बता दें कि राष्ट्रपति बनने के करीब चार साल बाद रामनाथ कोविंद पहली बार पैतृक गांव पहुंचे। राष्ट्रपति के वहां पहुंचने से लोगों का सालों का इंतजार खत्म हो गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहे।

राष्ट्रपति ने मंदिर में की पूजा-अर्चना

राष्ट्रपति ने गांव पहुंचते सबसे पहले पथरी देवी मंदिर में दर्शन किया। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। विधि-विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई। इस मौके राष्ट्रपति ने अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।

सहपाठी को किया याद

गांव में पक्के मकान बन गए, रोहनिया बाजार देखकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे सहपाठी जसवंत सिंह, चंद्रभान सिंह, दशरथ सिंह बहुत याद आते हैं। परौंख गांव में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना काल में फिटनेस और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि खुद को टीका लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। गांव वालों को राष्ट्रपति भवन देखने की व्यवस्था खुद करूंगा. पुखरायां में राष्ट्रपति से मिलने के लिए कुल 67 लोगों को अनुमति दी गई थी।

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