गुजरात दंगों के दौरान हिंदू और गौरक्षकों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द हों : तोगड़िया

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विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा पत्थरबाजों के खिलाफ मामलें रद्द किये जाने का विरोध किया। उन्होंने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान हिन्दुओं और गौरक्षकों के खिलाफ दर्ज मामलों को भी रद्द करने की मांग की है। तोगड़िया ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार के निर्णय से सेना का मनोबल गिराने वाला है और पाकिस्तानी समर्थित संगठनों और मुस्लिम लोगों को खुश करने के लिया गया है।

खिलाफ मामलों को भी वापस लिया जाना चाहिए

देश में दोहरी व्यवस्था नहीं चल सकती है। तोगड़िया ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार को इस निर्णय को वापस लेना चाहिए और यदि यह जारी रहता है तो गुजरात दंगों के दौरान हिन्दुओं के खिलाफ दर्ज मामले और गौ रक्षकों के खिलाफ मामलों को भी वापस लिया जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि यदि चुनाव गुजरात के विकास मॉडल पर लड़ा जा रहा है, तो गुजरात में बीमार इकाई को फिर से शुरू करने की योजना और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। गुजरात में 20 लाख बेरोजगार पंजीकृत है और 15 से 20 लाख लोग 45 हजार लघु उद्योगों के बंद हो जाने से बेरोजगार हो गये।

रोहिंग्या मुसलमानों को वापस क्यों नहीं भेजा गया

तोगड़िया ने बिना किसी राजनैतिक पार्टी का नाम लिये कहा कि पार्टियों को यह तय करना चाहिए की चुनाव में क्या मुद्दा होगा। यदि चुनावी मुद्दा हिन्दुत्व है तो यह स्पष्ट करना होगा कि अभी तक अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं बना। कश्मीर से विस्थापित हिन्दुओं को वापस अपने घर में जगह क्यों नहीं मिली, रोहिंग्या मुसलमानों को वापस क्यों नहीं भेजा गया, कश्मीर से संविधार की धारा 370 क्यों नहीं हटाई गई। किसानों के मुद्दे पर तोगड़िया ने कहा कि किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलना चाहिए।

(साभार- न्यूज 18)

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