22 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, इनके साहस की कहानियां कर देंगी हैरान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2020 प्रदान किये। ये पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले बच्चों को प्रतिवर्ष दिये जाते हैं।
बच्चों को ये पुरस्कार नवाचार, समाज सेवा, कला – संस्कृति तथा खेलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने और वीरता के लिए दिये जाते हैं। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुने गये 22 बच्चों को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
वीरता की कहानियां-
45 से अधिक लोगों की जान बचाने वाले केरल के आदित्य ने कहा कि खतरे की स्थिति में व्यक्ति को डरना नहीं चाहिए और दूसरों की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
मुदस्सिर अशरफ ने कहा कि संकट की स्थिति में व्यक्ति को साहस का परिचय देना चाहिए।
कश्मीर घाटी में बड़गाम जिले में मिग एमआई-17 वी फाइव हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया था तो मैं वहां पे पहले पहुंच गया तो मैंने मिट्टी उठाई और उसे मिट्टी डाल दी। वहां पर जब एनडीआरएफ बाकी रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम आ गई तो मैंन बाकी लोगों को मॉडरेट किया।
छत्तीसगढ़ की भामेश्वरी निर्मलकर ने कहा कि सभी बच्चों को दूसरों की मदद करने का प्रयास करना चाहिए।
17 अगस्त, 2019 की दोपहर तालाब कपड़े धोने गई थी। फिर वहां दो लड़कियां आईं, फिर खेलते-खेलते पानी की गहराई में चली गई। मैं पानी में कूद गई तो चांदनी के हाथ को पकड़कर खींचा और लौटते-लौटते पैर के पास पर सोनम थी मैं उसको निकाली।
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