जानिये, क्यों डाक्टर नग्न होकर फोटो खिंचवा रहे हैं?
जर्मनी हो, भारत या पाकिस्तान सभी जगह पीपीई किट को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में रोष
दुनियाभर में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों की ओर से पर्याप्त सुरक्षा किट उपलब्ध न कराये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। चाहे वह जर्मनी हो, भारत या पाकिस्तान सभी जगह पीपीई किट PPE Kit को लेकर प्रदर्शन हुए हैं।
कहीं नग्न फोटो सेशन कराकर तो कहीं गिरफ्तारी देकर या फिर पत्रक देकर। इसके अलावा जहां जहां भी कोरोना संक्रमण फैला है लगभग सभी जगह डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी अपने अपने ढंग से PPE Kit को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं।
कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं
इस महामारी के दौर में जहां डॉक्टर्स कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं तो वहीँ PPE Kit न होने की वजह से अपनी जान भी गंवा रहे हैं। कई देशों में डॉक्टरों द्वारा पीपीई सूट की मांग की गई है लेकिन अभी तक उन्हें सूट और कुछ जरुरी इक्विपमेंट नहीं मिल सके हैं। इन कमियों के बीच जर्मनी में डॉक्टरों ने PPE Kit की डिमांड को लेकर नग्न अवस्था में विरोध प्रदर्शन किया।
कोरोना से लड़ रहे पाकिस्तान के डॉक्टर PPE Kit को लेकर सरकार से नाराज़ हैं।
पाकिस्तान में बवाल
बीते दिनों पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ़ अल्वी ने आधिकारियों के साथ बैठक की एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें वो फ़ेस मास्क पहने दिख रहे हैं।
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तस्वीर में राष्ट्रपति डॉक्टर अल्वी ने एन-95 मास्क पहना हुआ है जिसका आम तौर पर स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल करते हैं। इस तस्वीर के कारण अब पाकिस्तान सरकार और कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के बीच तनाव पैदा हो गया है। बाद में अनेक डाक्टरों पर पुलिस ने लाठियां भांजी और उनकी गिरफ्तारी भी हुई।
डाक्टर क्यों कर रहे नग्न प्रदर्शन?
कोरोना वायरस ड्यूटी में लगे ये डॉक्टर्स नग्न फोटो क्यों खिंचा रहे हैं?
कोरोना पॉजीटिव मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट PPE Kit किट की जरूरत होती है। जर्मनी में कुछ डॉक्टरों ने PPE Kit की ओर ध्यान दिलाने के लिए अलग तरीका अपनाया। यहां पर डॉक्टर नग्न होकर पीपीई किट की कमी पर विरोध जता रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन का नाम है Blanke Bedenken, हिंदी में इसका मतलब हुआ नग्न आशंका।
डॉक्टरों ने अपने क्लिनिक और अस्पताल में ही फोटो खिंचाई। साथ ही प्राइवेट पार्ट को छुपाने के लिए फाइलों, टॉयलेट पेपर, मेडिकल सामान का इस्तेमाल किया।
ग्रुप की ओर से कहा गया
जर्मनी दावा करता है कि उसके पास कोरोना वायरस से लड़ने के पूरे संसाधन हैं। लेकिन जल्द ही PPE Kit, सिंगल यूज मास्क और डिसइंफेक्टेंट्स खत्म हो जाएंगे। अपने और अपने मरीजों के वायरस के संपर्क में आने से बचने की अपर्याप्त सुरक्षा के बाद भी पूरे देश में डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं।
‘बिना सुरक्षा उपकरणों के हम नग्न ही हैं’
ब्रिटिश अखबार गार्डियन के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते उन पर जोखिम है। उन्होंने दावा किया कि कई दिनों से पीपीई और सुरक्षा को लेकर आवाज उठा रहे हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। रुबेन बर्न्यू नाम के एक डॉक्टर ने बताया कि वह और उनकी टीम के पास वायरस का सामना करने लिए पर्याप्त सामान नहीं है। उन्होंने कहा कि नग्न होकर हम बताना चाह रहे हैं कि बिना सुरक्षा उपकरणों के हम नग्न ही हैं।
नग्न होकर प्रदर्शन जरूरी
इस बारे में एक डॉक्टर कहते हैं कि नग्न होकर प्रदर्शन करना इस बात का प्रतीक है कि हम बिना सुरक्षा के कितने ज्यादा असुरक्षित होते हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि इस तरह से शायद अथोरिटी इस बात को समझेगी कि हम बिना पीपीई सूट के असुरक्षित हैं।
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सरकार को याद दिलाना है
इस बारे में द गार्डियन पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसमें बताया गया है कि जर्मनी में डॉक्टरों के एक समूह ने नग्न होकर अस्पताल में काम करते हुए फोटो खिचाएं हैं और पीपीई की मांग दोहराई है। इतना ही नहीं डॉक्टरों ने एक वेबसाइट भी बनाई है जहां उन्होंने अपने फोटो और मांगें पब्लिश की हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
इस बारे में प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर रुबेन बर्नौ ने बताया कि उनकी टीम के पास संसाधनों की कमी है। हम सरकार का ध्यान हमारी तरफ खींचना चाहते हैं। वहीँ, डॉक्टर क्रिस्टियन रेचटेनवाल्ड का कहना कि उन्हें फ्रांस के एक डॉक्टर एलेन कोलंबी से इस नग्न विरोध-प्रदर्शन को करने की प्रेरणा मिली।
पाकिस्तान में भी हो रहे प्रदर्शन
एक खबर के अनुसार, सिर्फ जर्मनी में ही नहीं बल्कि भारत और पाकिस्तान में भी PPE Kit के लिए डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत में स्वास्थ्यकर्मी लगातार इस मांग को उठा रहे हैं तो वहीँ पाकिस्तान के पंजाब राज्य में डॉक्टरों ने PPE Kit को लेकर भूख हड़ताल करना शुरू कर दी है। इस बीच एक प्रदर्शन में कई दर्जन स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था, हालांकि उन्हें बाद में जमानत दे दी गई थी।
सप्लाई पर्याप्त नहीं
अस्पतालों से लगातार फिल्टर मास्क, चश्मों, ग्लव्स और पीपीई की मांग की जाती रही लेकिन सप्लाई पर्याप्त नहीं है।
इसी बीच अस्पतालों से मास्क और सैनिटाइजर्स चोरी होने की खबरें भी आईं। इसके बाद अस्पतालों को सुरक्षा बढ़ानी पड़ी। जर्मनी की हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की एसोसिएशन ने हाल ही में एक स्टडी की। इसमें पता चला कि डॉक्टरों को 10 करोड़ मास्क चाहिए। ये मास्क केवल एक ही बार काम आते हैं। साथ ही पांच करोड़ फिल्टर मास्क, छह करोड़ से ज्यादा ग्लव्स की जरूरत है।
डॉक्टरों को गिरफ़्तार भी किया गया
पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है, “एक तरफ़ जहां राजनेता और आला अधिकारी अक्सर बैठकों में और दौरों के दौरान एन-95 मास्क पहने दिखते हैं तो दूसरी तरफ़ स्वास्थ्यकर्मी इन मास्क और पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) की कमी से जूझ रहे हैं।”
यहां पुलिस और डॉक्टरों के बीच झड़पों की ख़बरें मिल रही हैं और पीपीई किट की कमी के मुद्दे पर विरोध कर रहे डॉक्टरों को गिरफ़्तार भी किया गया है।
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