बच्चों के लिए जारी हुई कोरोना गाइडलाइंस, पेरेंट्स को जानना बेहद जरुरी

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फाइजर और बायोएनटेक ने यूरोपीय संघ के दवा नियामकों से 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए कंपनियों के कोरोना टीके को मंजूरी देने की अपील की है। ताकि यूरोप में युवा और कम जोखिम वाली आबादी तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाई जा सके।

स्टडी के आधार पर मांगी परमिशन

दोनों कंपनियों ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी को उन्होंने जो अप्लीकेशन दी है, उसमें 2,000 से अधिक किशोरों पर परीक्षण की पूरी जानकारी है। ये टेस्टिंग हाईटेक तरीके से की गई है। जिसमें वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। जिन किशोनों पर वैक्सीन का ट्रायल हुआ है, उनपर अगले दो सालों तक नजर भी रखी जाएगी कि कहीं उनपर वैक्सीन का कोई गलत असर तो नहीं हो रहा है। इससे पहले, फाइजर और बायोएनटेक ने पहले अनुरोध किया था कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ उनकी वैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति 12-15 वर्ष के बच्चों के लिए भी दी जाए।

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स्वास्थ्य मंत्री ने किया स्वागत

जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पाहन ने इस खबर का स्वागत किया कि टीके को अधिक आयु के बच्चों के लिए मंजूरी मिल सकती है। फाइजर और बायोएनटेक द्वारा बनाया गया कोविड-19 टीका पहला टीका था जिसे गत दिसंबर में ईएमए द्वारा हरी झंडी दिखायी गई थी जब इसे 16 साल और इससे अधिक आयु के लोगों और 27-देशों के यूरोपीय संघ में इस्तेमाल के लिये लाइसेंस दिया गया था।

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