स्वीडन में कुरान जलाने की अनुमति, जाने क्या हैं पूरा मामला…

0

स्वीडिश पुलिस मुस्लिमों की तीन दिवसीय ईद अल-अधा की छुट्टी से पहले स्वीडिश पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को स्टॉकहोम की मुख्य मस्जिद के बाहर मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान को जलाने की इजाजत दे दी है, जिसके बाद भारी तनाव और हिंसा की आशंका जाहिर की जा रही है. मीडिया एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट के आदेशों के बाद ही पुलिस ने कुरान को जलाने की अनुमति दी है. स्वीडन पुलिस ने ऐसी योजना बना रहे एक व्यक्ति को विरोध प्रदर्शन की अनुमति भी दी है. जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश है.।

 शख्स ने कुरान को फाड़कर लगाई आग…

बता दें कि यह घटना स्वीडन में स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने की है. जहां  बुधवार को 37 साल के एक शख्स ने कुरान को फाड़कर उसमें आग लगाई. यह अपराध सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में किया. जिनमें से कई लोग कुरान जलाए जाने का समर्थन कर रहे थे. सीएनएन के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत स्‍वीडन की सरकार की ओर से ही एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी. वहीं विरोध बढ़ने पर स्वीडन के पीएम का बयान आया है. उन्‍होंने कहा- इस संबंध में किसी भी कार्रवाई पर पुलिस फैसला लेगी.

कोर्ट में ऐसा पहुंचा था कुरान का मामला…

दरअसल इस साल जनवरी महीने में स्वीडन में स्थित तुर्की के दूतावास के बाहर कुछ लोगों ने कुरान को जलाया था. जिसके बाद स्वीडन सहित दुनिया के कई देशों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किए गये थे. वहीं कई इस्लामिक देशों ने स्वीडन के सामानों की खरीदारी पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला भी किया था. इस घटनाक्रम के बाद स्वीडन की पुलिस ने कुरान  जलाने पर रोक लगा दी थी. कुरान जलाने का मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने पुलिस के प्रतिबंध वाले आदेश को खारिज कर दिया।

पहले भी मचा था बवाल…

पुलिस ने स्टॉकहोम में कुरान जलाने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था, कि कुरान के जलाए जाने की घटना के बाद स्वीडन हमलों का एक प्रमुख लक्ष्य बन गया है. जनवरी की घटना की कई इस्लामी देशों, विशेषकर तुर्किये ने कड़ी निंदा की थी. तुर्की ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने की कोशिश को भी रोक दिया था. स्वीडन के राजनीतिक नेताओं ने कुरान जलाने की आलोचना की है लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का बचाव भी किया है।

व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुलाया गया सैन्य बल 

स्वीडिश पुलिस ने कई मौकों पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कुरान जलाने की अनुमति देने से इनकार किया है, लेकिन उनके फैसले को अदालतों ने खारिज कर दिया है. कोर्ट का तर्क है कि सार्वजनिक समारोहों और प्रदर्शनों को अनुमति दी जानी चाहिए, जब तक कि वे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा न हों. बता  दे कि स्टॉकहोम पुलिस ने बुधवार को नियोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए देश के अन्य हिस्सों से अतिरिक्त सैन्य बल बुलाया है।

स्वीडन की नाटो की सदस्यता पर असर…

स्वीडन पुलिस के इस फैसले का उसकी नाटो की सदस्यता पर असर पड़ सकता है. दरअसल स्वीडन में कुरान जलाने की घटना पहले भी हो चुकी है. इस वजह से स्वीडन की नाटो की सदस्यता भी अटक गई थी.  स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों की वजह से तुर्की के साथ उसके संबंधों में तनाव बढ़ा है और तुर्की नाटो में स्वीडन की एंट्री के लिए बाधक बनता रहा है. बता दें कि इस साल जनवरी में स्वीडन में कुरान की प्रति जलाई गई थी जिससे सऊदी अरब, पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. स्वीडन में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता रासमुस पैलुदान ने नाटो सदस्यता को लेकर तुर्की से चल रहे तनाव के बीच तुर्की दूतावास के बाहर कुरान में आग लगा दी थी.

घटना को जघन्य अपराध बताया…

सबसे पहले तुर्की के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया. तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को जघन्य अपराध बताया है. तुर्किये के विदेश मंत्री हकन फिदान ने ट्वीट कर कहा- “अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता है. हमें इसे स्वीकार नहीं करेंगे. अगर कोई देश नाटो में शामिल होकर हमारा सहयोगी बनना चाहता है. तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे चरमपंथियों को काबू में करना होगा।

मोरक्को ने भी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी…

तुर्किये के अलावा मुस्लिम बहुल देश मोरक्को ने भी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मोरक्को ने कुरान जलाए जाने की घटना के विरोध में स्वीडन से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. मोरक्को के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन के राजनयिक  को भी तलब किया और कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता.

मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने क्या कहा…

घटना पर मुस्लिम वर्ल्ड लीग का बयान आया है. बयान में घटना की कड़ी निंदा की गई. लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईसान ने कहा कि यह जघन्य कृत्य मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला है. दोषी को तत्‍काल सजा दी जाए।

read also- Digital Platform में बड़ा निवेश करेगा NDTV, समय के साथ बदलेगा खबरों का स्वाद

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More