कांग्रेस पार्टी में बढ़ेगा सिंधिया का कद !

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कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सीएम के तौर पर भूपेश बघेल के नाम पर मुहर लगाकर सूबे में ओबीसी ब्लॉक को साधने का बड़ा प्रयास किया है। इसके जरिए पार्टी ने रमन सिंह के कार्यकाल में उपेक्षित महसूस कर रहे अच्छी खासी आबादी वाले ओबीसी समुदाय को बड़ा संकेत दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है। अब मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को साधने के लिए भी कांग्रेस कोई प्रयोग कर सकती है।

लोकसभा चुनावों पर कांग्रेस की नजर

तीनों राज्यों में सीएम चुनने के बाद अब कांग्रेस उन नेताओं को साधने में जुटी है, जिनकी महत्वाकांक्षाओं को दबाने की बात कही जा रही है। खासतौर पर हिंदी पट्टी के इन तीन अहम राज्यों को कांग्रेस अब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बेहद अहम मानकर चल रही है। तीनों राज्यों से लोकसभा की 65 सीटें आती हैं। यदि कांग्रेस यहां अपना मजबूत प्रभाव बनाए रखती है तो 2019 की लड़ाई में वह मजबूती से डट सकती है। 2014 में इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी ने एक तरह से क्लीन स्वीप ही कर दिया था।

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पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश से सबसे अधिक फायदा हो सकता है, जहां सिंधिया की सीएम पद की महत्वाकांक्षा के बाद भी संगठन में एकता नजर आ रही है। यहां बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी, ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए वह भी कमर कस रही है। कांग्रेस को यहां 15 साल बाद सत्ता मिली है और कार्यकर्ता उत्साहित हैं। इसके अलावा वह किसानों के कर्जमाफी जैसे फैसलों से भी 2019 की राह आसान करने की जुगत में है।

सिंधिया के राजी होने से बढ़ा हाईकमान का भरोसा

कमलनाथ के पक्ष में राजी होने पर सिंधिया के प्रति पार्टी हाईकमान का भरोसा बढ़ा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी अब उन्हें साधने के लिए राज्य इकाई का अध्यक्ष बना सकती है या फिर राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया जा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि सिंधिया अपने किसी करीबी के नाम की सिफारिश डेप्युटी सीएम के तौर पर कर सकते हैं।

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