Pakistan: शहबाज शरीफ ने लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की ली शपथ

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Pakistan: पाकिस्तान की सियासत में शहबाज शरीफ ने इतिहास रचते हुए लगातार दूसरी बार देश के 24वें प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली है. इससे पहले साल 2022 में पहली बार शहबाज ने प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ ली थी, साल 2024 में हुए प्रधानमंत्री पद के लिए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वोटिंग कराई गयी थी, जिसके बाद असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने वोटों का परिणाम घोषित किया.

इस दौरान अयाज ने नतीजों का ऐलान करते हुए कहा था कि, ”शहबाज शरीफ 201 वोट पाकर दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए हैं. तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे शहबाज शरीफ साल 2022 में पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पहला कार्यकाल सिर्फ 16 महीने तक का ही रहा.”

पीटीआई ने हासिल की सबसे ज्यादा सीट्स

इस चुनाव में 336 सदस्यीय नेशनल असेंबली में सबसे ज्यादा सीटें पीटीआई (पीटीआई) की ओर से समर्थित पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जीती हैं, जो जेल में हैं. हालाँकि, चुनाव के बाद हुए गठबंधन में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने पीएमएल-एन उम्मीदवार को समर्थन दिया है, जिससे शहबाज शरीफ आसानी से देश के 33वें प्रधानमंत्री बन जाएंगे. वहीं, अयूब का बल पर्याप्त नहीं है.

शहबाज को 205 लोगों ने दिया समर्थन

अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक शहबाज ने एक गठबंधन सरकार का प्रधानमंत्री किया था. शहबाज को पीपीपी के अलावा एमक्यूएम-पी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू), बलूचिस्तान आवामी पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जेड), इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी और नेशनल पार्टी से 205 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. एमक्यूएम-पी और पीपीपी के राष्ट्रीय असेंबली के दो चुने गए सदस्यों ने अभी तक शपथ नहीं ली है. शहबाज को सदन का नेता बनने के लिए 336 सदस्यीय राष्ट्रीय असेंबली में 169 मतों की आवश्यकता होगी.पीटीआई के समर्थन से विपक्ष में 102 सांसद हैं, जिनमें से एक ने शपथ नहीं ली है. बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) और जमात उलेमा-ए-इस्लाम चुनाव को छोड़ सकते हैं. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने अभी तक महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए 23 आरक्षित सीटों की घोषणा पर रोक लगा दी है, जबकि अभी तक 304 सांसदों ने शपथ ली है.

पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाया है- शाहबाज शरीफ

साल 2023 में अपनी सरकार के कार्यकाल के पूरे होने पर शाहबाज शरीफ ने कहा था कि, ”उन्होने अपने शासन काल में पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाया है. जिन परिस्थितियों में उन्हें अर्थव्यवस्था मिली थी. उन्होंने 16 महीनों में जितना संभव हो सके उतना प्रयास किया है. अब एक बार फिर 9 फरवरी 2024 को चुनाव के नतीजों और नई नेशनल असेंबली के गठन के बाद उन्हें दूसरी बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुना गया है.”

कैसा रहा राजनीति सफर ?

साल 1950 में लाहौर में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ का जन्म हुआ था.1985 में, शहबाज शरीफ को लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का भी अध्यक्ष चुना गया था. 1988 में, शाहबाज शरीफ पहली बार पंजाब विधानसभा में पहुंचे, 1997 में वह पंजाब विधानसभा में तीसरी बार चुने गए और राज्य के मुख्यमंत्री बने.

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1999 में सैन्य विद्रोह के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया और सऊदी अरब में कैद कर दिया गया. इसके बाद साल 2007 में वह 8 साल के निर्वासन से पाकिस्तान लौट आए और साल 2008 में उन्होंने दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने और चौथी बार भक्कर से प्रांतीय विधानसभा सीट जीत हासिल की थी. फिर साल 2013 में वह तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए और लाहौर से फिर से विधानसभा के सदस्य बने. इसके बाद 2018 में अपने बड़े भाई नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्हें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) का अध्यक्ष चुना गया.

 

 

 

 

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