क्या आज फिर Cambridge University में देश के खिलाफ जहर उगलेंगे राहुल गांधी ?

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 Cambridge University: पिछले साल कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद एक बार फिर आज राहुल गांधी वहां लेक्चर देने वाले हैं. देखना यह होगा की इस बार राहुल गांधी विदेशी यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में क्या कुछ कहने वाले हैं. हालांकि, इसको लेकर राहुल गांधी देश में जारी भारत जोड़ो यात्रा को विराम लेकर ब्रिटेन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे.

इसको लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में लिखा है कि, ‘‘26 फ़रवरी से एक मार्च तक न्याय यात्रा का विराम होगा ताकि राहुल गांधी 27 और 28 फरवरी को इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (जहां से वह पढ़े हैं) में दो विशेष व्याख्यान देने के अपने एक साल पहले के वादे को पूरा कर सकें और उन्हें नई दिल्ली में होने वाली अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल होने का मौका मिल सके.”

इस तारीख को भारत जोड़ो यात्रा होगी पुनः प्रारंभ

जानकारी देते हुए रमेश ने बताया कि, भारत जोड़ो न्याय यात्रा दो मार्च को दोपहर 2 बजे धौलपुर से फिर से शुरू होगी. इसके बाद यह मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, शाजापुर और उज्जैन सहित मध्यप्रदेश के अन्य क्षेत्रों से गुजरेगी. 29 नवंबर 2022 को राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में पहली बार यहां दर्शन किए थे. इसके अगले महीने मुंबई में इस यात्रा का समापन होना है.

देश के खिलाफ राहुल ने उगला था जहर

साल 2023 में राहुल गांधी पहली बार कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और आरएसएस पर जमकर निशाना साधने का काम किया था. इतना ही नहीं राहुल में विदेश में बैठकर भारत की खिलाफ बोलते हुए देश के लोकतंत्र को खतरे में बताया था. वे यही नहीं चुप हुए उन्होंने इसके आगे बोलते हुए कहा था कि संसद, न्यायपालिका और इलेक्शन कमीशन, अल्पसंख्यकों पर हमले के साथ – साथ पेगासस के जरिए विपक्ष उनकी जासूसी भी करवाता है.

वैसे राहुल की लंदन यात्रा को ध्यान से देखने पर पता चलेगा कि वह किस तरह देश से बाहर जाकर विदेश में बैठे भारतविरोधी लोगों से मिलते हैं. वास्तव में, राहुल गांधी हर बार लंदन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष कमल धालीवाल से मिलते हैं. राहुल गांधी उनके बहुत करीबी दोस्त हैं. ध्यान दें कि कमल धालीवाल ने लंदन में लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन (जिनके साथ जनरल सेक्रेटरी गुरमिंदर रंधावा भी थे) से मुलाकात की थी. कमल धालीवाल ने इन लोगों से कश्मीर की स्थिति और मानवाधिकार पर चर्चा की थी. जेरेमी कॉर्बिन ने इस बैठक की फोटो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इस फोटो को शेयर करते हुए भाजपा के कई नेताओं ने निशाने पर लिया था. कांग्रेस ने इस मामले में बहस बढ़ा दी थी. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला बताया था.

राहुल विदेश में भारत की छवि बिगड़ने का करते हैं प्रयास

आपको बता दें कि वह कोई पहला मौका नहीं था जब राहुल गांधी ने विदेश में जाकर भारत के खिलाफ जहर उगलने का काम किया था. इसको लेकर कई सारे उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे. इससे यह साफ हो जाता है कि राहुल गांधी विदेशी सरजमीन पर भारत की छवि बिगड़ने का प्रयास करते हैं. राहुल गांधी ने 2023 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर ऐसा बयान दिया था, जिसके बाद देश में बहुत हंगामा हुआ था. इस बयान को देकर राहुल गांधी ने मानो अपने ही पैर पर भी कुल्हाड़ी मार ली थी. दरअसल, राहुल गांधी ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘मोहब्बत की दुकान’ कार्यक्रम में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि ”आज भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वह 1980 के दशक में दलितों के साथ हुआ था और इसके खिलाफ हमें प्यार से लड़ना होगा’

हालांकि, ऐसे कई सारे विवाद है जब राहुल गांधी विदेश की धरती पर भारत को लेकर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं. अब देखना यह होगा कि क्या आज भी वे देश के खिलाफ बोलते हैं या पिछले विवाद से सीख लेकर वे अपनी जुबान पर नियंत्रण रखेंगे.

 

 

 

 

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