हेराफेरी कर PAC में 15 साल से नौकरी कर रहा सिपाही गिरफ्तार, ऐसे खुला फर्जीवाड़े का राज…
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी विभाग में फर्जी नौकरी का एक बड़ा मामला सामने आया है। पीएसी में 15 साल से आरोपी अमित सिंह फर्जी दस्तावेज से मनीष नाम से सिपाही की नौकरी कर रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं थी।
अब आरोपी अमित सिंह को विभूतिखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसी साल 21 मार्च को उसके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। तब एफआईआर कर उसे हिरासत में लिया गया था, लेकिन तब गिरफ्तारी की धारा न होने पर उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया था।
इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जांच में अमित के आरोप सही साबित होने पर कई और तथ्य जुटाये गये। इसके बाद ही विवेचक ने उसमें धारायें बढ़ाई। इन धाराओं के बढ़ने पर ही अमित को गिरफ्तार किया गया।
इस तरह सामने आया सच-
अमित मूल रूप से बलिया के सोनकी भाट का रहने वाला है। आरोपी सिपाही 32वीं बटालियन पीएसी में काम कर रहा था। फरवरी में असली मनीष कुमार सिंह के पास एलआईसी हाउसिंग व एसबीआई से फोन आया था कि वह ऋण के संबंध दस्तावेज की कॉपी जमा करें।
मनीष पहले ही ऋण ले चुका था, अब कॉपी का क्या मतलब। वह एलआईसी के दफ्तर गया तो पता चला कि उसके नाम व आधार कार्ड पर पीएसी में तैनात सिपाही ने ऋण का आवेदन किया है। इन दस्तावेजों में उसका नाम, पिता का नाम, पता व जन्मतिथि सब उसी की है।
इसके बाद उसने एफआईआर लिखाई थी। पता चला था कि उसके नाम पर फर्जी तरीके से पीएसी में नौकरी कर रहे युवक का असली नाम अमित सिंह है। अमित उसका दोस्त भी रहा है। अमित के खिलाफ धारायें बढ़ने के बाद उसकी गिरफ्तार कर ली गई।
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