कैंसर से भी खतरनाक है आउटसोर्सिंगः अनुप्रिया पटेल

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यूपी: केंद्रीय राज्यमंत्री और अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अब आउटसोर्सिंग में होने वाली भर्तियों में आरक्षण का मुद्दा उठाया है. इसके अलावा उन्होंने जातीय जनगणना के भी मुद्दे को जोर- शोर से उठाया है. बता दें कि पिछले महीने अनुप्रिया पटेल ने एसी – एसटी और ओबीसी वर्ग में आने वाले अभ्यर्थियों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार में आने वाली नौकरियों में आरक्षण न मिलने पर योगी सरकार को पत्र लिखा था.

आरक्षण का नहीं किया जाता पालन…

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आउटसोर्सिंग भर्तियां कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इन भर्तियों में आरक्षण का पालन नहीं किया जा रहा है.यह अपना दल के लिए बेहद चिंता का विषय है. अनुप्रिया पटेल ने यह सब बातें अपने कार्यकर्ताओं से कही.

आउटसोर्सिंग के चलते दबे- रह गए छोटे लोग…

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि प्रदेश में छोटी- मोटी नौकरी पाने की गुंजाईश वंचित वर्ग के पास हुआ करती थी लेकिन आउटसोर्सिंग भर्तियों के आने के बाद यह भी पूरी तरह से ख़त्म हो गई है. चतुर्थ श्रेणी में जो भी आउटसोर्सिंग से भर्तियां हो रही है, उसमें आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा. यही कारण है कि दबे कुचले लोग नौकरियों से वंचित हो रहे हैं.

अनुप्रिया ने की अखिल भारतीय न्यायिक सेवा गठन की मांग…

बता दें कि मिर्ज़ापुर से सांसद अनुप्रिया की तरफ से ऐसी मांग इसलिए की जा रही है क्योंकि कहा जा रहा है कि संविदा भी एक तरह की सरकारी नौकरी है. अगर संविदा सरकारी नौकरी है तो उसमें भी आरक्षण लागू होना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने न्यायपालिका में भी वंचित वर्गों की भागेदारी बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा गठन की मांग की है.

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जातीय जनगणना की उठाई मांग…

प्रदेश ही नहीं देश में काफी समय से जातीय जनगणना की मांग उठा रही अनुप्रिया ने कहा कि क्या देश में जातीय जनगणना की जरूरत नहीं है. इस पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सामाजिक संरचना का अधिकार जाति है इसलिए क्या हमें उनकी सही संख्या मालूम नहीं होनी चाहिए.

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