वन टाइम वॉच है विश्वरूपम -2
भारत के बेहतरीन अभिनेता कमल हसन हमेंशा अपने एक्सपेरिमेंटल काम की वजह से जाने जाते है। एक अभिनेता के तौर पर ही वह एक अच्छे डायरेक्टर और संगीतकार, प्रोडूयसर, या कहे कला के क्षेत्र के कम्पलीट पैकेज है जो कुछ भी कर सकते है, यह उन्होंने अप्पू राजा और दशावतार में करके दिखाया है।
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हम बात कर रहे है कमल हसन की नई फिल्म Vishwaroopam के दूसरे भाग की इसका पहला भाग 2013 में आया था जिसपर काफी बवाल हुआ था। इस बार फिल्म को काफी ध्यान से बनाया गया।
जहां से पहली फिल्म खत्म होती वहीं से दूसरा पार्ट शुरू होता…
फिल्म कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पर समाप्त हुई थी। रॉ एजेंट मेजर विशाम अहमद कश्मीरी (कमल हासन) अपनी पत्नी निरूपमा (पूजा कुमार) और अपनी सहयोगी अस्मिता (ऐंड्रिया जेरेमिया) के साथ अलकायदा के मिशन को पूरा करके लौट रहा है।
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अब उस पर नई जिम्मेदारियां हैं। इस बार भी उसका लक्ष्य कुरैशी (राहुल बोस) द्वारा फैलाए गए आतंकवाद के तांडव को रोकना है। इस मिशन में उसके साथ उसकी पत्नी और सहयोगी के अलावा कर्नल जगन्नाथ (शेखर कपूर) भी हैं।
आतंकवाद के नासूर को रोकने की उसकी इस लड़ाई में उसे जान से मारने की कोशिश भी की जाती है और उसकी सहयोगी अस्मिता अपनी जान से हाथ धो बैठती है, मगर इन चुनौतियों से उसके हौसले पस्त नहीं होते।
उसे देश में होने वाले 66 बम धमाकों के खौफनाक कारनामे को रोकना है। उसकी हिम्मत को तोड़ने के लिए अल्जाइमर से पीड़ित उसकी मां (वहीदा रहमान) को भी मोहरा बनाया जाता है। सलीम (जयदीप अहलावत) कुरैशी की आतंकी विरासत को आगे बढ़ाता है। क्या विशाम देश को आतंक की आंधी से तहस-नहस होने से बचा पाएगा? इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
वन टाइम वॉच है विश्वरूपम -2
अगर फिल्म की सम्पूर्ण समीक्षा की बात की जाए तो फिल्म उतनी बेहतरीन बन नहीं पाई जितनी दर्शकों को उम्मीद थी। फिल्म का संगीत अच्छा है, कुल मिलाकर अगर आप साउथ का सिनेमा पंसद करते है और कमल हसन के फैन है तो यह फिल्म को ठीक-ठीक लगेगी या एक बार यह फिल्म आप देख सकते है।