इनसे मिलिए, ये हैं भारत की पहली महिला फोटो पत्रकार
भारत की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट होमी व्यारवाला की 104वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर सलाम किया है। गुजरात के पारसी परिवार में जन्मीं होमी व्यारवाला का बचपन पिता और उनकी थिएटर कंपनी के साथ ट्रेवल करते हुए बीता। व्यारवाला ने मुंबई (उस समय बॉम्बे) की यूनिवर्सिटी और सर जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट से पढ़ाई की।
करियर मनेक्षा व्यारवाला से शादी के बाद शुरू हुआ
व्यारवाला को फोटोग्राफ़ी उनके एक दोस्त ने सिखाई, जिसके बाद उन्होंने मुंबई (बॉम्बे) की ज़िंदगी को अपने कैमरे में कैद करना शुरू किया। उन्होंने करीब 17, 18 साल की उम्र से प्रोफेशनली फोटोग्राफी शुरू की। व्यारवाला, डाल्डा 13 के नाम से जानी जाती थीं। कहा जाता है कि नाम में 13 उनके जन्म के साल 1913 से और डाल्डा उनकी कार के नंबर DLD 13 से लिया गया था। होमी का करियर मनेक्षा व्यारवाला से शादी के बाद शुरू हुआ।
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उनके पति टाइम्स ऑफ इंडिया में बतौर फोटोग्राफर और अकाउंटेंट काम करते थे। होमी की तस्वीरें शुरुआत में उनके पति के नाम या निकनेम डाल्डा 13 से पब्लिश होती थीं। होमी ने ब्रिटेन की महारानी ‘क्वीन एलिज़ावेथ II’ और दलाई लामा की तस्वीरें भी लीं। उनका सबसे बेहतरीन काम देश की आज़ादी के दौरन का माना जाता है।
होमी का निधन 15 जनवरी 2012 को हुआ
1930 में बतौर फोटोग्राफ़र करियर शुरू होने के बाद आज़ादी के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय और रानीतिक नेताओं के फोटो खींचे, जिसमें पण्डित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और महात्मा गांधी शामिल थे। 1970 में पति की मौत के बाद उन्होंने फोटोग्राफी लगभग छोड़ ही दी। 1982 में वे अपने बेटे फारुख़ के साथ वड़ोदरा शिफ्ट हो गईं, लेकिन दुखों ने वहां भी उनका साथ नहीं छोड़ा और वर्ष 1898 में उनके बेटे की भी कैंसर के चलते मौत हो गई। व्यारवाला ने 2011 में अपना सारा काम दिल्ली स्थित अल काज़ी फाउंडेशन ऑफ आर्ट्स को सौंप दिया। सिविलियन और पद्मा विभूषण अवॉर्ड से सम्मानित की जा चुकीं होमी का निधन 15 जनवरी 2012 को हुआ।
(साभार- न्यूज 18)