…तो भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं राजभर !
अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी करके सुर्खियां बटोरने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर चर्चा में आ गए है। प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दोनों दल लोकसभा चुनाव में उनकी भूमिका और सीटों के बंटवारे को लेकर अनिश्चय की स्थिति में हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने 24 फरवरी तक का समय भाजपा को दे रखा है। बातें नहीं मानी गईं तो 25 फरवरी को वह भाजपा गठबंधन से बाहर होने की घोषणा कर सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में सपा-बसपा ने गठबंधन कर लिया है। कांग्रेस ने भी तैयारियों को तेज करते हुए प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान दे दी है।
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इन तैयारियों के बीच सत्ताधारी भाजपा के साथ प्रदेश सरकार में शामिल सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) के नेता अभी इस उधेड़बुन में हैं कि इस चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी। हालांकि दोनों दल अपने स्तर से तैयारियों में जुटे हैं, सीटों के बंटवारे को लेकर अनिश्चय की स्थिति में हैं।
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि पिछड़ा वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण के तीन हिस्से में बंटवारे पर ही उनका पूरा ध्यान है। 24 फरवरी तक इस मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व के फैसले का वह इंतजार करेंगे। कोई फैसला नहीं होने पर 25 फरवरी को गठबंधन का साथ छोड़ने का फैसला ले सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि चुनाव में कैसे जाना है। किन सीटों पर लड़ना है, इस मुद्दे पर भाजपा के किसी नेता ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। वहीं अपना दल (एस) के नेता सीधे बयानबाजी से बच रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अपना दल नेतृत्व इस चुनाव में पूर्वांचल की करीब आधा दर्जन सीटें चाहता है।
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