बुधवार को गणेश जी को चढ़ाएं शमी पत्र, माथे पर करें हल्दी का तिलक

बुधवार को भगवान गणेश की मूर्ति पर हल्दी चढ़ाने से बनेंगे रुके काम

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भगवान गणेश को विघ्नहर्ता व मंगलकर्ता कहा जाता है। देवताओं में भगवान गणेश की पूजा अत्यंत शुभ फलदायी मानी गई है। हिंदू रीति रिवाजों से लेकर वैदिक पूजा में गणेश पूजन सर्वप्रथम करने का विधान बताया गया है। मगर भगवान गणेश को बुधवार का दिन अत्यंत प्रिय है। इसलिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। वहीं, इस दिन गणेश जी की पूजा में कुछ खास उपाय कर कई रुके कार्यों को भी सिद्ध किया जा सकता है। आज हम गणेश भगवान के इन्हीं विशेष उपायों को बता रहे हैं।

 

1. बुधवार को गणेश की मूर्ति पर चढ़ाएं हल्दी

अगर आपकी मनोकामना पूरी नहीं हो रही है या कार्यों में सफलता नहीं मिल रही है और बार-बार आपके रास्ते में बाधा उत्पन्न हो रही है तो बुधवार के दिन गणेश जी की विशेष पूजा करें। बुधवार के दिन किसी भी शिव मंदिर में जाकर भगवान गणेश की मूर्ति पर हल्दी चढाएं। इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और कार्यों में बाधा उत्पन्न करने वाले गुरु ग्रह को शांत कर देते हैं। जिससे आपके रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं।

 

2. रोज माथे पर हल्दी का तिलक लगाकर निकलें घर से

सनातन धर्म में माना जाता है कि जब भी घर से बाहर निकलें, माथे पर हल्दी का तिलक लगाकर ही जाएं। ऐसा करने से आप जिस भी काम के लिए जा रहे हैं, उसमें सफलता मिलती है। वैदिक क्रियाकलापों की बात करें तो भी हल्दी काफी शुभ पदार्थों में मानी गई है। हल्दी का स्पर्श ही व्यक्ति का जीवन बदल देता है। इसलिए जब भी आप घर से दफ्तर या किसी भी कार्य के लिए निकलें तो माथे पर हल्दी का तिलक जरूर लगाएं।

 

3. भगवान गणेश को शमी पत्र चढ़ाने से बनेंगे काम

अगर आपकी कुंडली में शनि ग्रह का दोष है। आपके सभी कार्य बनते-बनते बिगड़ रहे हैं तो बुधवार के दिन भगवान गणेश को शमी पत्री चढ़ाना चाहिए। शमी पत्र भगवान शनि देव को अति प्रसन्न है। भगवान गणेश को शमी पत्र अर्पित करने से शनि देव साढ़े साती हटा लेते हैं और आपके मार्ग की बाधाएं दूर हो जाती हैं।

 

4. हरी दूब का बोझ बनाकर गणेश जी को करें अर्पित

भगवान गणेश बुद्धि के देवता कहे जाते हैं। गणेश जी को हरी दूब बहुत पसंद है। इसके पीछे मान्यता है कि अनलासुर को निगलने के कारण भगवान गणेश के पेट में बहुत जलन होने लगी थी। उनकी इस जलन को शांत करने के लिए मुनियों ने उन्हें खाने के लिए दूर्वा घास दी थी। इसे खाते ही भगवान गणेश के पेट की जलन शांत हो गई थी। तभी से भगवान गणेश की पूजा में उन्हें दूर्वा यानी दूब चढ़ाई जाती है। भगनान को दूब चढ़ाने से गणेश जी काफी प्रसन्न हो जाते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं।

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