यूपी: अब नहीं जलेगी पराली! किसानों को मिलेगी कृषि यंत्र की सुविधा

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यूपी के किसानों को अब पराली नहीं जलानी पड़ेगी, बल्कि उसका चारा बनाया जा सकेगा. इस चारे को किसान अपने पशुओं को खिला सकेंगे या फिर गोशाला में दे पाएंगे. इसके लिए अलीगढ़ जिले में 8 ब्लाकों के 27 ग्राम पंचायतों में कृषि यंत्र उपलब्ध कराया गया है. दरअसल, अलीगढ़ में विकास भवन प्रशासन ने इस पहल पर अभी से ही काम शुरू कर दिया है, जिससे कि पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोका जा सके. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ने आदेश भी जारी किया है. उन्होंने कहा कि पराली का उपयोग निराश्रित गोआश्रय स्थल स्थल में गोवंश के चारे के लिए किया जाए. गोशाला में पराली ढुलाई की व्यवस्था वित्त आयोग की धनराशि से की जाए.

आदेश के तहत सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम को लेकर जिले के सभी ग्राम प्रधान व सचिवों को पत्र जारी कर कहा

‘वह अपने-अपने इलाकों में निकलने वाले फसलों के अवशेष को फार्म मशीनरी बैंक से कृषि यंत्र प्राप्त कर प्रबंध कराए. इसके लिए किसानों को जागरूक कर प्रेरित करने का कार्य करें. पराली का चारा गोशालाओं में उपलब्ध कराएं. इसके लिए सभी 10 ब्लाकों के विकास खंड अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी कृषि को जारी किया गया है.’

UP Formers Stubble Burn
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सीडीओ ने कहा

‘किसी भी कीमत पर ग्रामीण इलाकों में पराली नहीं जलनी चाहिए. यह ब्लाक और ग्राम पंचायत अधिकारी सुनिश्चित करें. फार्म मशीनरी बैंक में उपलब्ध कृषि यंत्र को किसानों को टोकन मनी के रूप में शल्क लेकर उपलब्ध कराया जाए. सचिवालय में तैनात पंचायत सहायक कृषि यंत्र के उपयोग का विवरण रजिस्टर पर अंकित करें. इसमें लापरवाही क्षम्य नहीं होगी.’

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सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने कहा

‘पराली जलाने से रोकने को किसान कृषि यंत्र किराए पर लेकर चारा बना सकते है. यह चारा गोशालाओं के उपयोग में आ जाएगा. इसके लिए सभी प्रधान व सचिव किसानों को जागरूक व प्रेरित करें. यही नहीं एडीओ कृषि व बीडीओ यह सुनिश्चित कराएं कि किसी भी दशा में ग्रामीण इलाकों में पराली नहीं जल रहा है.’

प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकनाईशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्राप रेजीडयू योजनान्तर्गत विभिन्न वर्षो में फार्म मशीनरी बैक की स्थापना करते हुए इन ग्राम पंचायतों में फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्र खरीदे गए थे.

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जिनमें, टप्पल मालव, नरवारी, ऊंटासानी वागर, टप्पल, जिंकरपुर गढ़ी सूरजमल हजियापुर जस्तीली, तकीपुर. टप्पल कारह, कादिलपुर, मालव, बैना. गोंडा निगला जोतू, डिगसारी. गोंडा रूदायनपुर उर्फ तारापुर, महदौरा कंठी की नगरिया. बरौली बरौली, साथ. चण्डौस कसेरु. धनीपुर इब्राहीमाबाद, हरदुआगंज देहात. खैर अहरौला. अकराबाद शाहगढ़. अतरौली विरनैया, नौरथा, गिजरौली शमिल हैं.

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