Land Dispute: बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर बिहार की राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हैं. ऐसे में नीतीश कुमार चुनाव में जीत पाने के लिए एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे भूमि विवाद पर रोकथाम करने के लिए नीतीश सरकार ने भूमि सर्वेक्षण अभियान का शुभारंभ किया है. ताकि जमीन के असली हकदार का आसानी से पता लगाने के साथ-साथ ऐसे घोटालों पर लगाम लगाई जा सके. इसका कारण है कि भूमि की बढ़ती कीमतों की वजह से ही ग्रामीण क्षेत्रों में धोखाधड़ी करते हुए कुछ लोग अपनी कमाई कर रहे हैं.
हेराफेरी को कुछ समझ बैठे हैं धंधा
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन की खरीदारी में हेराफेरी करते हुए सैकड़ों लोग इसे अपने बिजनेस का धंधा समझ बैठे हैं. इसके चलते वे करोड़ों रूपये का घोटाला कर रहे हैं. इस घोटाले का बुरा असर कानून व्यवस्था पर पड़ता है. इन्हीं सब रवैये को देखते हुए बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. इसके चलते चलाए जा रहे अभियान के तहत सरकार जमीन के असली मालिक को उनका हक दिलाना चाहती है. साथ ही राज्य सरकार का इससे भी बड़ा मकसद ये है कि भूमि विवाद को लेकर लोगों के बीच मतभेद भी समाप्त हो जाएं.
भूमि सर्वेक्षण अभियान खत्म करेगा भूमि घोटाला
बिहार सरकार के भूमि सर्वेक्षण अभियान के जरिए जमीन के असली मालिक को उसका हक मिलेगा. इसके लिए जमीन मालिक को उसके पुश्तैनी जमीन के कागजात सरकार को दिखाने होंगे. वहीं सरकार के पास जमीन का पूरा का पूरा रिकॉर्ड होगा. इसके चलते भविष्य में जमीन लेने वालों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. नीतीश सरकार के इस अभियान को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वो लालू परिवार पर मंडरा रहे जमीन घोटाले मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने इस प्रकार का फैसला लिया है.